अकसर हमारे अच्छे खान-पान न होने की वजह से हमे कोई न कोई स्वास्थ संबंधी बीमारी घेरे रहती है ऐसे में अधिकर महिलाएं शिकार होती हैं बता दें कि हमारे देश में अधिकर महिलाएं कैंसर जैसी घातक बीमारी से जूझ रही है। बता दें क देश में महिलाओं में कैंसर (Cancer) से होने वाली मौत में सबसे आम सर्वाइकल कैंसर (Cervical Cancer) की बीमारी है जिससे अधिकर महिलआएं पीड़ित है। आईए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से....
सर्विकल कैंसर के लिए तैयार हुई पहला टीका
सर्विकल कैंसर (बच्चेदानी के मुंह का कैंसर) से महिलाओं को बचाने के लिए अब स्वदेशी ह्यूमन पेपिलोमावायरस (एचपीवी) का टीका तैयार कर लिया गया है। जो काफी उपयोगी बताया जा रहा है। भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने हाल ही में सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) के बनाए सर्विकल कैंसर के टीके को मंजूरी प्रदान कर दी है। जल्द ही यह देश के राष्ट्रीय टीकाकरण मिशन का हिस्सा बन सकता है।
सर्वाइकल कैंसर कारण
एक रिपोर्ट के अनुसार, सर्वाइकल कैंसर ह्यूमन पैपिलोमावायरस (एचपीवी) संक्रमण के कारण होते हैं। एचपीवी के 100 से अधिक प्रकार हैं, जिनमें से कम से कम 14 कैंसर पैदा करने वाले हैं। एचपीवी को गुदा, योनी, योनि, लिंग और ऑरोफरीनक्स के कैंसर से जोड़ने के प्रमाण भी हैं। सर्वाइकल कैंसर के जोखिम कारक इस प्रकार है-
ह्यूमन इम्युनोडेफिशिएंसी वायरस (एचआईवी)
क्लैमाइडिया
धूम्रपान
मोटापा
गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर का पारिवारिक इतिहास
फलों और सब्जियों का कम सेवन
गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन
सर्वाइकल कैंसर के लक्षण
-पीरियड्स के बीच ब्लीडिंग
-संभोग के बाद खूना
-मैनोपोज़ के बाद खून बहना
-संभोग के दौरान बेचैनी या खून आना
-तेज गंध के साथ योनि से स्राव
-रक्त के साथ योनि स्राव
-यूरिन करते वक्त दर्द होना
कैसे करे सर्वाइकल कैंसर से बचाव-
सर्वाइकल कैंसर का बचाव किया जा सकता है एक हैल्थ एक्सपर्ट के अनुसार, इस खतरे को कम करने के लिए एचपीवी (HPV) से बचाव का टीका लगवाना चाहिए। 9 से 26 साल की उम्र की लड़कियों व महिलाओं के लिए टीका उपलब्ध है। टीके का सबसे ज्यादा प्रभाव तब होता है, जब यौन गतिविधियां शुरू होने से पहले ही लड़की को टीका लगवा दिया जाए। 9 से 14 साल की उम्र में दो इंजेक्शन के रूप में टीका लगाया जाता है और 14 से 26 की उम्र में तीन इंजेक्शन की जरूरत होती है। वहीं टीके के बाद भी नियमित स्क्रीनिंग जरूरी है।