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  • जानने धनिया पाउडर और हरा धनिया के फायदे और नुकसान

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    • 05 Apr,2021 09:48 PM
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    धनिया क्या है? 

    धनिया आमतौर पर हमारी रसोई घरों में प्रयोग की जाने वाली एक सुंगंधित हरी पत्ती है। धनिया को और भी कई नामों से जाना जाता है। मारवाडी भाषा में इसे धोणा कहा जाता है। इसके अलावा इसे कोथमीर,सिलेंट्रों, कोत्तिमिरि, धानया एवं धाने आदि नामों से भी लोग पहचानते हैं। भारतीय घरों की किचन में धनिएं का इस्तेमाल न हो ऐसा हो नहीं सकता, फिर चाहे वह उसके स्वाद के लिए हो या डिश को डेकोरेट करने के लिए। धनिया एक ऐसा खाद्य पदार्थ है जो खाने को चार चांद लगा देता है। धनिया के गार्निश से हर सब्जी, दाल यां कोई भी व्यंजन हो वह उसे लाजवाब बना देती है।
     

    धनिया पत्ती / हरा धनिया के फायदे (Dhaniya ke fayde) 

    - हरी धनिया विटामिन A, C और K के गुण से भरपूर होता है। इसके बीज में- फाइबर, कैल्शियम, कॉपर, आयरन भी मौजुद होता है। विटामिन A और C शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करता है । 

    -पेट में होने वाली जलन, एवं पेट के कीड़े को भी मारने में सहायक है।

    -आंखों की जलन को दूर करता है। 

    -यूरिन को साफ करता है।

    -धनिया में मौजुद विटामिन C से गठिया मरीजों को लाभ मिलता है.

    -धनिया में मौजूद तत्व शरीर से कॉलेस्ट्रॉल कम कर उसे कंट्रोल में रखने में सहायक है।

    -महिलाओं में पीरियड्स संबंधी समस्याओं को दूर करता है। 

    -धनिये वजन को कमकरने में मददगार है। इसके बीज और पत्तियों में मौजूद स्टेरोल शरीर में कोलेस्ट्रॉल के अवशोषण को रोकता है, जिससे वजन नहीं बढ़ता है। धनिया की पत्तियों का शरबत पीने से पेशाब में जलन, प्यास, आंखों में जलन, दस्त और गैस जैसी अशांत बिमारियों से भी राहत दिलाता है। इसके अलावा बदहजमी, मतली, पेचिश और कोलाइटिस में भी आराम देता है। 
     

    सूखा धनिया पाउडर के फायदें (Dhaniya Powder ke fayde)

    सूखा धनिया सिर्फ मसाला ही नहीं बल्कि औषधीय गुणों से भरपूर है। इसमें फाइबर, कैल्शियम और एंटीऑक्सीडेंट जैसे तत्व मौजूद होते हैं। धनिया पाउडर की तासिर ठंडी होती है जिससे पेट के इंफेक्शन, एसिडिटी और  जलन जैसी समस्याओं को दूर करने में मददगार है। 

    धनिया पाउडर कई बड़े रोगों से लड़ने में मदद करता है जैसे कि इसके सेवन से यूरिन इंफेक्शन, ब्लड शुगर और पेट की जलन जैसी गंभीर बीमारियां दीर होती है। इसके अलावा- कब्ज, उल्टी, दस्त, फूड पॉइजिनिंग और गैस जैसी समस्या को भी दूर करने में हमारी मदद करता है। 
     

    धनिये से घरलू उपचार / धनिया का उपयोग 

    -अगर शरीर के किसी भी हिस्से में सूजन या जलन हो रही हो तो धनिये को सिरके में बारीक़ पीसकर सूजे हुए हिस्से या जलन वाली जगह पर लगा लें इससे आपकों आराम मिलेगा।

    - अगर बार-बार बुख़ार चढ़ता-उतरता हो तो, इसके लिए आप सूखा धनिया और सोंठ एक समान मात्रा में मिक्स कर 1-1 टीस्पून दिन में चार बार लें, इससे आपकों बुखार से जल्द राहत मिलेगी। 
     
    - गर्मियों में अगर नाक से खून बहता है तो आप हरे धनिया का रस सूंघे यां पत्तियों को पीसकर अब इसमें लगभग चुटकी भर कपूर मिला लें और सिर पर लेप लगाए  इससे आपकों जल्द राहत मिलेगी।

    -कब्ज की समस्या को दूर करने के लिए आप हरा धनिया, कालीमिर्च, काला नमक और पिसा हुआ जीरा मिलाकर चटनी बना कर इसे भोजन में शामिल करें। 

    - मुंह के छालों को दूर करने के लिए आप हरे धनिया का रस लगा सकतें है या फिर सूखा धनिया पानी में उबालकर उससे गरारे करें,  मुंह के छाले जल्द ठीक हो जाएंगे
     

    सूखा धनिया की तासीर-

    सूखा धनिया की तासीर ठंडी होती है। सूखे धनिये में काफी पोषक तत्व मौजुद होते है जैसे कि  फॉस्फोरस, आयरन, कैरोटीन, थियामिन, मैगनीज, जिंक, पोटैशियम, फाइबर, कैल्शियम, आयरन, विटामिन बी6, मैग्नीशियम, विटामिन ए, विटामिन सी, सोडियम आदि।
     

    धनिये के नुकसान- 

    - अगर धनिये का जरुरत से ज्यादा सेवन किया जाए तो उससे पित्त पर दवाब पड़ता है जिससे लीवर खराब हो सकता है।

    - धनिये का अधिक सेवन करने से आपको चक्कर, सुजन, एलर्जी, सांस संबंधी बिमारी हो सकती हैं।

    -जब धनिया का अधिक  सेवन करते हैं तो शरीर की ग्रंथिय प्रभावित होती है, ऐसे में  गर्भवती महिलाएं और दूध पिलाने वाली महिलाओं को इसका सेवन नहीं करना चाहिए। ऐसा करने पर उनके भ्रूण पर नकारात्मक प्रभाव पता है।

    - जरूरत से ज्यादा धनिया का इस्तेमाल करना त्वचा पर सनबर्न जैसी समस्या हो सकती है जिसके लंबे समय तक होने पर कैंसर का कारण भी बन सकता है।

    -वहीं इसके अधिक सेवन से कामशक्ति कम हो जाती है। मासिक धर्म रुक जाता है।
    -दमे के रोगी को धनिया नुकसान पहुंचा सकता है।
     

    हरा धनिया का जूस पीने के फायदे-

    -धनिये का जूस पीने से दिल की धड़कन और ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रहता हैं

    - अगर रात को सोने से पहले एक गिलास धनिये का जूस पीने से आपको अच्छी नींद आती है। दरअसल,  इसमें कुछ सेडेटिव तत्व होते हैं जो एंटीएंग्जायटी दवा की तरह काम करते हैं।

    -धनिये की पत्तियों का जूस पीने से पेट फूलना, वमनशील पेट, हार्ट बर्न या अपच जैसी समस्याओं को दूर कर सकते हैं। 

    - धनिये की पत्तियों के जूस में प्राकृतिक एंटीसेप्टिक गुण पाए जाते हैं जो शरीर को डिटॉक्सीफाई करता है और शरीर को कई प्रकार के संक्रमणों से बचाता है। 

    - धनिये के पत्तों का रस हड्डियों को मज़बूत बनाता है। क्योंकि इसमें कैल्शियम भरपूर मात्रा में मौजुद होता है। 

    -धनिये को एंटी-डाइबिटीक हर्ब भी कहा जाता है। जो ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में मदद करता है। डाइबिटीज़ के मारीजों के लिए यह जूस बहुत लाभकारी है।

    -धनिये के जूस में एंटीसेप्टिक, एंटीफंगल और एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं जो हमारी स्किन को कई बीमारियों से बचाता हैं। एक्जिमा, शुष्क त्वचा या अन्य फंगल संक्रमणों से ग्रसित व्यक्तियों को इसका जूस जरूर पीना चाहिए। 
     

    धनिया और मिश्री के फायदे-

    -हरे धनिया और मिश्री को पानी में मिलाकर लस्सी की तरह बनाकर दिन में तीन बार पीने से अनिद्रा की समस्या दूर होती है।

    - पेटदर्द या जलन होने पर धनिया का चूर्ण मिश्री के साथ पानी के साथ पीने से इससे आराम मिलता है। 

    - माउथ फ्रेशनर के लिए धानिए के पाउडर में मिश्री को अच्‍छे से मिलाकर फांकी मारे इससे आपके मुंह से महक आने लगेगी। यहां तक कि प्याज और लहसुन आदि की गंध भी दूर हो जाएगी।

    - किसी भी तरह की पुरानी खांसी हो या फिर कई दिन से आने वाली खांसी हो इसे दूर करने के लिए मिश्री और धनिया को बारीक पीस लें। इसे चावल के पानी के साथ नियमित रूप से लें। कुछ ही दिनों में आपकों इससे राहत मिलेगी। 

    -धनिए में लिनोलेनिक एसिड तत्व मौजूद होता है, जो इंफेक्शन से बचाकर स्किन को ग्लोइंग बनाता है। इसमें मिश्री बनाकर अगर पीएंगे तो चेहरे की ग्‍लो हमेशा बरकारर रहेगी।
     

    आईए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से :

    धनिए को एक मसाले के रूप में हम खाने में इस्तेमाल करते हैं लेकिन यह एक मसाला ही नहीं ब्लकि एक औधषि भी है। धनिए का बोटेनिकल कोरिएंड्रम सैटिवम  नाम है, जो कि अम्बेलीफेरी फैमिली से आता है।
    इसकी दो प्रकार की किस्म है-  देशी और हायब्रीड।
    इसका देशी प्रकार का धनिया टेस्ट और खुशबू में ज्यादा तेज होती है, जबकि, हायब्रीड धनिया बाजारों में ज्यादा देखने को मिलता है लेकिन टेस्ट और खुशबू में ज्यादा अच्छा नहीं होता।
     

    धनिया की खेती कैसे होती है?

    धनिये की दो तरह की फसल होती है एक-सिंचित फसल, दूसरी असिंचित फसल।
    धनिये की सिंचित फसल के लिये अच्छा जल निकास वाली दोमट मिट्टी सबसे बढ़िया होती है। वहीं असिंचित फसल के लिए काली भारी भूमि अच्छी होती है।
    क्योंकि धनिया क्षारीय एवं लवणीय भूमि को सहन नही कर सकता है। अच्छे जल निकास एवं उर्वरा शक्ति वाली दोमट या मटियार दोमट भूमि ही इसके लिए उचित है।

    सिंचित क्षेत्र में अगर जुताई के समय भूमि में पर्याप्त जल नहीं है तो भूमि की तैयारी पलेवा देकर करनी चाहिए। क्योंकि जुताई के समय ढेले नही बनेंगे और खरपतवार के बीज अंकुरित होने के बाद जुताई के समय नष्ट हो जाएंगे।

    धनिये की खेती शुष्क व ठंडे मौसम के लिए अनुकूल होता है। बीजों के अंकुरण के लिये 25 से 26 से.ग्रे. तापमान अच्छा होता है। 

     

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