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  • शिशु के बार-बार पॉटी आने के कारण और उसके घरेलू उपचार

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    • 02 Apr,2021 10:15 PM
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    छोटे बच्चों के दस्त (डायरिया)

    छोटे बच्चों को दस्त लगना आम बात होती है, लेकिन इसका अच्छी तरह से ध्यान न रखा जाये तो ये खतरनाक साबित हो सकता हैं। जैसे कभी-कभार शिशु बार-बार पानी जैसा पतला मलत्याग कर रहा है, जिसमें कोई ढेले नहीं हैं तो हो सकता है शिशु को  दस्त हुआ हो। ऐसे में बच्चे के शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स तथा पानी की कमी हो जाती है। ऐसे में शिशु को उल्टी, बुखार और कभी-कभार मल में खून भी आने लगता है तो ऐसे में घबराइए नहीं , हम आपके लिए कई उपचार लेकर आये हैं।

    डायरिया के मुख्य लक्षण

    -पेट में दर्द
    -ऐंठन
    -सूजन
    -निर्जलीकरण
    -बुखार
    -मल में खून
    -दस्त
    -उल्टी

    डायरिया कितने प्रकार के होते हैं?

    डायरिया की दो स्थितियां होती हैं। पहला एक्यूट वाटरी डायरिया जिसमें दस्त काफ़ी पतला होता है एवं यह कुछ घंटों या कुछ दिनों तक ही होता है। इससे निर्जलीकरण(डिहाइड्रेशन) एवं अचानक वजन में गिरावट होने का ख़तरा बढ़ जाता है। दूसरा एक्यूट ब्लडी डायरिया जिसे शूल के नाम से भी जाना जाता है।

    8 महीने के बच्चे को हरी पॉटी आना

    बच्चों में हरे रंग की पॉटी (मल) होना नार्मल होता है। इसमें चिंता करने की जरूरत नहीं है।असल में जब मां द्वारा आयरन सप्लीमेंट का सेवन बढ़ा दिया जाता है तो यह स्तन के दूध में आयरन को प्रभावित कर सकता है। जिस से कुछ बच्चों को 2-3 दिन तक हरे रंग की पॉटी होती है। इसके साथ अगर माँ के द्वारा कुछ सॉलिड खाया जा रहा है बच्चे को बाहर का दूध दिया जा रहा है तो ऐसे में भी बच्चे को ह्री पॉटी आ सकती है। यह समस्या 2-3 दिन में ठीक हो जाती है। लेकिन अगर मल में कोई दुर्गंध व झाग है तो आप तुरंत बच्चो के डॉक्टर से मिले और उनसे सलाह मशवरा करे। लेकिन कई बार क्या होता हैं पेरेंट्स बच्चे की इस प्रॉब्लम को बड़ो के डॉक्टर के पास लेकर चले जाते है। प्लीज ऐसा न करे, बच्चे को बच्चो के डॉक्टर के पास ही लेकर जाये ताकि डॉक्टर उनका ट्रीटमेंट सही तरीके से कर सके।

    शिशुओं में हरे रंग के मल के लिए घरेलू उपचार

    स्तनपान की वजह से कई बार शिशु के मल में बदलाव आ जाता है लेकिन इस में डरने की कोई बात नहीं हैं। लेकिन अगर ऐसा लम्बे समय तक हो तो आप घर में भी इसका उपचार आकर सकते हो। बच्चे को ओआरएस घोल पिलाये , अगर वो इसको पीकर उलटी कर दे तो बच्चे को फिर से इस पिलाये। हर 2 घंटे में नया घोल तैयार करें तो अच्छा है। ओआरएस घोल बनाते समय पूरी साफ-सफाई का ध्यान रखें। खाकर जिस बर्तन और बोतल, गिलास में इसे भर रहे हो। ओआरएस बनाने से पहले अपने हाथों को साबुन लगाकर अच्छी तरह से साफ कर लें।

    छोटे बच्चों के दस्त के घरेलू उपचार

    -2 महीने के बच्चे में लूज़ मोशन का इलाज करने के लिए यह एक बहुत पुराना घरेलू नुस्खा है। ओ.आर.एस.  का घोल आप बच्चे को पिलाये

    - आप इसे घर पर भी बना सकते हैं। एक लीटर फ़िल्टर किया गया पानी उबालें और इसे ठंडा होने दें। पानी में छह चम्मच चीनी और आधा चम्मच नमक डालें और इसे तब तक मिलाएं जब तक यह पूरी तरह से घुल न जाए। इसे उसे बच्चे को देना शुरू करें। यह एक उत्तम उपचार है।

    - केले में पोटेशियम, ज़िंक, आयरन, कैल्शियम, मैग्नेशियम और विटामिन ए और विटामिन बी.होते हैं। दरसल दस्त बच्चे को दुर्बल कर देता है, ऐसे में केला एक अद्भुत शक्ति स्त्रोत साबित होता है और सौभाग्य से, बच्चों को केले का स्वाद पसंद आता हैं। यह पूरे साल उपलब्ध होता है और अधिकांश घरों में यह आवश्यक खाद्य पदार्थों में सबसे मुख्य खाद्य पदार्थ है।

    -एक चम्मच अदरक, थोड़ी दालचीनी पाउडर, थोड़ी–सी जीरा पाउडर और एक चम्मच शहद मिलाएं। इस मिश्रण को अपने बच्चे को दिन में तीन बार दें। बच्चे को यह मिश्रण देने से पहले आप इसमें थोड़ा जायफल भी डाल सकते हैं।

    -सेब प्रोटीन से भरपूर होते हैं जो आपके बच्चे की पाचन क्रिया स्थिर करने में मदद करते हैं। एक सेब धोएं, इसे पानी में उबालें और इसकी प्यूरी बनाएं ताकि यह नरम हो और पाचन के लिए आसान। यह न केवल दस्त को नियंत्रित करेगा, बल्कि आपके बच्चे को शक्ति भी प्रदान करेगा, जो उसके लिए ज़रूरी है। अगर आप बच्चे को नहीं देना चाहते तो स्तनपान करवा रही माँ भी इसका उपयोग कर सकती हैं।

    -दस्त होने पर आपका बच्चा कुछ भी खाने से इनकार करेगा। लेकिन उसे अपनी शक्ति बनाए रखना ज़रूरी है, और इसके लिए मसूर दाल का सूप मदद कर सकता है। एक कप दाल लें, इसे पानी में उबालें और फिर ठंडा होने दें। कुछ समय बाद दाल नीचे बैठ जाएगी। इसमें से पानी अलग कर लें और अपने बच्चे को दें।

    -घर का बना छाछ पाचन क्रिया को जल्दी स्थिर करता है। इसमें नमक और काली मिर्च मिलाकर अपने बच्चे को दें। यह 8 महीने से अधिक उम्र के बच्चों को देने की सलाह दी जाती है।

    -नारियल पानी एक ऐसा अद्भुत द्रव्य है जो आपके बच्चे को दस्त से उभरने में बहुत मदद करेगा।

    -ताज़ा घर का बना दही बच्चे के पाचन तंत्र के अच्छे कीटाणुओं को वापस बढ़ने में मदद करता है।

    - गाजर का रस या प्यूरी दिन में दो–तीन बार दिया जा सकता है। यदि आपका बच्चा 1 साल की उम्र से ऊपर है, तो गाजर का रस उसके लिए एकदम योग्य है।

    -दिन में 4 से 5 बार एक चम्मच नींबू का रस, दस्त और पेट से जुड़ी अन्य समस्याओं को ठीक करता है। आपके बच्चे का ख़राब पेट ठीक हो जाएगा, और उसके शरीर की पी.एच की मात्रा भी संतुलित हो जाएगी।

    -अरारोट पाउडर बच्चों में दस्त को रोकने के लिए एक अच्छा पूरक है। इसमें कोई एलर्जी पैदा करने वाला तत्व न होने के कारण, यह आपके शिशु के पेट को आराम पहुँचाने में मदद करेगा। यह आपके शरीर में पानी की मात्रा बढ़ाने का भी अद्भुत काम करता है। अरारोट पाउडर को पानी या दही में मिलाकर पतला दलिया बनाएं और इसे अपने बच्चे को खिलाएं।

    बार बार दस्त लगने का लक्षण

    डायरिया (या दस्त) तब होता है जब आप सामान्य की तुलना में अधिक लगातार मल त्याग करते हैं। यह आंत्रशोथ (Stomach flu) के मुख्य लक्षणों में से एक है,  उल्टी है। आंत्रशोथ पेट या आंत की सूजन होती है जो जीवाणु या वायरल संक्रमण के परिणामस्वरूप होती है।

    डायरिया के विभिन्न भाषाओं के नाम 

    डायरिया in हिंदी -डायरिया
    डायरिया in इंग्लिश -Diarrhea
    डायरिया in पंजाबी -ਦਸਤ
    डायरिया in तमिल -வயிற்றுப்போக்கு
    डायरिया in तेलगु -అతిసారం
    डायरिया in उर्दू -اسہال
    डायरिया in मराठी- अतिसार

     

    एक साल से कम उम्र के शिशुओं पर घरेलू इलाज करने से पहले डॉक्टर के पास ले जाना चाहिए। यदि दस्त के साथ कोई अन्य लक्षण दिखाई देते हैं और घरेलू उपचार प्रभावशाली नहीं हैं, तो तुरंत शिशुरोग विशेषज्ञ की सलाह लें।  

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