खुबानी क्या हैं?
खुबानी या एप्रीकॉट एक गुठली वाला फल होता है जिसे ड्राई फ्रूट भी कहा जाता हैं। इसको कच्चा और सूखे मेवे की तरह खाया जा सकता है। असल में खुबानी का छिलका थोड़ा खुरदुरा और मुलायम होता हैं जिसे पकड़ने पर ही आप उसकी खुरदता महसूस कर सकते हैं। खुबानी मीठा और गर्म तासीर का होता है। यह डाइजेशन में काफी बिमारिओ को ठीक करने में सहायक होता हैं। इसमें विटामिन ए, बी ,सी और विटामिन ई पाए जाते हैं। विटामिन के साथ-साथ इसमें पोटेशियम, मैग्नीशियम, कॉपर, फाइबर, फॉस्फोरस अच्छे मात्रा में पाया जाता है।
खुबानी के फायदे
- आयुर्वेद के अनुसार खुबानी वात और कफ को कम करने के साथ कमजोरी दूर करने में मददगार होता है।
- कब्ज के रोगी को भी खुबानी खाने की सलाह दी जाती हैं।
- खाली पेट या ब्रेकफास्ट के साथ खाने से यह डायबिटीज में भी फायदा करता है।
- अगर आप इसे अपनी डेली डाइट में शामिल कर लेते हैं तो आंखों की रोशनी बढ़ने से लेकर कैंसर जैसी बीमारियां तक दूर करने का काम करता हैं।
- इस को खाने से बार-बार प्यास लगने की समस्या हो दूर होती है।
- यह बवासीर दूर करने में भी लाभकारी है।
- खुबानी से कॉलेस्ट्रॉल कंट्रोल होता हैं।
- इसको खाने से स्किन में ग्लो आता है।
- खुबानी खाँसी के उपचार में गुणकारी साबित होती है।
- कील, मुंहासे, स्किन इंफेक्शन आदि खुबानी खाने से दूर हो सकते हैं।
खुबानी खाने का सही तरीका
खुबानी खाने के फायदे जान कर कहीं आप इसे ज्यादा न खा ले। इसे दिन में 5 या 6 से ज्यादा न खाये नहीं तो फायदे की जगह आपको नुकसान हो सकता हैं। इसे आप खाली पेट खाये या फिर ड्राई फ्रूट की तरह खा सकते हैं। कई स्थानों में आइसक्रीम के लिए भी इसे उपयोग में लिया जाता है। सूखी खुबानी की जैम भी बनाई जा सकती है।
खुबानी तेल के फायदे
- खुबानी के तेल में लिनोलिक और लिनोलेनिक पाए जाते हैं जो त्वचा के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं।
- खुबानी का तेल स्कैल्प को पोषण देकर बालों को झड़ने से रोकता है, इससे बालों के रोमछिद्र मजबूत होते हैं।
- कभी-कभी कान में दर्द होने लगता है। उस समय 1-2 बूंद खुबानी के बीज का तेल कान में डालने से कान के दर्द से राहत मिलती है।
- अगर आप ड्राई स्किन खत्म करने और रैशेज, सोरायसिस, और एक्जिमा जैसी सूजन की स्थिति से परेशान हैं तो ऐसे केस में भी यह आपको राहत देता है।
- एक्ने पर खुबानी तेल लगाने से सूजन कम हो जाती है साथ में यह एक्ने के निशान को भी दूर करते है।
खुबानी के बीज के फायदे
खुबानी के बीज बहुत लाभदायक होते हैं। यह डाइबिटीज में काफी फायदेमंद होते हैं, लेकिन इसे ज्यादा नहीं खाना चाहिए। खुबानी के बीजों में विटामिन की उच्च मात्रा पाई जाती है, जो खुबानी का सेवन करने पर साइनाइड में परिवर्तित हो जाता है। इसलिए इसे कम मात्रा में खाया जा सकता है। बच्चों को ख़ुबानी का बीज नहीं खिलाना चाहिए।
- यह इम्यून सिस्टम को मजबूत करते हैं।
- इससे पाचन तंत्र सही रहता हैं।
- आँखों की रौशनी को तेज करते हैं।
- दिल के रोगो को दूर करने के लिए इसे जरूर खाना चाहिए।
सुखी खुबानी के फायदे
- सूखी खुबानी का सेवन सीमित मात्रा में किया जाए तो यह वजन को नियंत्रित करने में फायेदमंद हाे सकती है।
- भूख को नियंत्रित करने में कारगर साबित हुई हैं।
- गर्भावस्था के दौरान महिला को पोषक तत्वों की बहुत आवश्यकता होती है। ऐसे में प्रेगनेंसी के दौरान जरूरी पोषक तत्वों की पूर्ति के लिए सूखी खुबानी का सेवन उपयोगी हो सकता है।
- एनीमिया की समस्या से बचाव करने में भी सूखी खुबानी की अहम भूमिका हो सकती है। दरअसल, आयरन की कमी के कारण एनीमिया की स्थिति पैदा हो सकती है।
- सूखी खुबानी बोरोन का एक अच्छा स्त्रोत है। ऐसे में इस आधार पर यह कहा जा सकता है कि बोरोन युक्त सूखी खुबानी स्वस्थ और मजबूत हड्डियों के लिए उपयोगी हो सकती है।
खुबानी की खेती
खुबानी की खेती के लिए समुद्र तल से 1000 से 2000 मीटर की ऊचाई वाले स्थान उपयुक्त होते हैं। इसके पौधों को विकास करने के लिए समशीतोष्ण और शीतोष्ण दोनों जलवायु की जरूरत होती हैं, लेकिन समशीतोष्ण प्रदेशों में जहाँ अधिक वक्त तक तेज़ गर्मी रहती हैं वहां इसे नही उगाना चाहिए। इसके पौधे अधिक समय तक तेज़ गर्मी को सहन नही कर पाते। इसलिए इसकी खेती विश्व में सबसे ज्यादा तुर्की में की जाती है, क्योंकि खुबानी की विश्व में आधी पैदावार यही से होती है। भारत में खुबानी की खेती या बागवानी उत्तर के पहाड़ी इलाकों में की जाती है, जैसे के कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड व अन्य। खुबानी की खेती के लिए गहरी उपजाऊ और अच्छे जल निकास वाली दोमट मिट्टी चाहिए, लेकिन हल्की रेतीली और बलुई दोमट व उपजाऊ मिट्टी में भी इसकी खेती की जा सकती है।
अन्य भाषाओं में खुबानी के नाम
खुबानी in Sanskrit-उरुमाण
खुबानी in Hindi-जरदालू, खुबानी, चिलू
खुबानी in Urdu-खुबानी (Khubani)
खुबानी in Kashmiri-गरडालू (Gardalu), जर्दालु (Jardalu), चेरकिश (Cherkish)
खुबानी in Nepali-खुर्पानी (Khurpani)
खुबानी in Panjabi-हरी (Hari), सरी (Sari), चुली (Chuli)
खुबानी in English-कौमन एप्रीकोट (Common apricot)
खुबानी in Arbi-बिनकफक (Binkuk), किशानिश (Kishanish)
खुबानी in Persian-मिश-मिश (Mish-Mish), जरदालु (Zardalu)