गुलकंद गुलाब की मिठास के जादूई फायदे Gulkand benefits in Hindi
गुलाब के सेहतमंद फायदों को समेटे है गुलकंद
गुलाब किसी पहचान का मोहताज नहीं है। उसकी खूबसूरती और खुश्बू के लिए सदियों से गुलाब को मुहब्बत का पैगाम माना जाता रहा है। मगर गुलाब के फायदों को सिर्फ उसकी खूबसूरती या मुश्क तक सीमित कर देना उसके साथ नाइंसाफी ही मानी जाएगी। गुलाब आपकी सेहत के लिए भी एक बेशकीमती तोहफा है। जी हां ! गुलाब से बनने वाला गुलकंद गर्मी की बीमारियों से बचाने के लिए एक कारगर इलाज है। आज हम आपको गुलाब के इन्हीं फायदों से दो चार करने वाले हैं।
गर्मी की बीमारियों से लड़ने के लिए लज्जत भरी दवाई गुलकंद Gulkand
गुलों में रंग भरे बादे नौबहार चले... गुलाब और उसकी खुश्बू सिर्फ मुहब्बत का पहला पैगाम ही नहीं लाती है बल्कि ढेर सारी बीमारियों के मुकाबले आपकी सेहत का ख्याल भी रखते हैं। तीखी चिलचिलाती गर्मी अपने साथ मौसमी बीमारियों की खेप भी साथ ही ले कर आती है। मगर गर्मी में आने वाले फल और सब्जियों में ही नहीं इसमें उगने वाले फूलों में भी इन बीमारियों से लड़ने के नुस्खे छुपे हैं।
इस खुश्बू में हैं बड़े-बड़े गुण
सदाबहार गुलाब की पंखुड़ियों के मुरब्बे या गुलकंद को बीमारियों के खिलाफ कारगर हथियार के तौर पर भी देखा जाता है। ताजे गुलाब की पंखुड़ियों को चीनी में मिलाकर ताजा गुलकंद तैयार किया जाता है। खाने में बेहद स्वादिष्ट गुलकंद बीमारियों के खिलाफ एक ढाल का काम भी बाखूबी करता है। मीठे स्वाद और खुश्बू के अलावा गुलकंद को कई तरह के शर्बतों और खाने की चीजों की लज्जत में इजाफा करने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है।
दिल की बीमारियों की हिफाजत करेगा गुलाब का ये नुस्खा
गुलाब की पत्तियों में मैग्नीशियम पाया जाता है। शरीर में ब्लड प्रैशर और ग्लूकोज के स्तर को नियंत्रित रखने के लिए गुलाब में मिलने वाले इस मैग्नीशियम को काफी कारगर पाया गया है। इसके साथ ही गुलाब का ये खासमखास नुस्खा दिल की बीमारियों से भी आपकी हिफाजत करेगा। वैसे भी गुलाब और इसके साथ आने वाले पैगाम को दिल के मरीजों के लिए एकमात्र इलाज माने जाते हैं। तो फिलहाल पैगाम को भूल जाइए और इसी गुलाब का गुलकंद बनाकर दूध के साथ हजम कर जाइए। दिल की बीमारियां तो वैसे भी आपसे दूर ही रहेंगी।
वजन घटाने के लिए बेहद कारगर है गुलकंद Gulkand
हालांकि गुलकंद को बनाने के लिए सीधे तौर पर चीनी का इस्तेमाल किया जाता है मगर फिर भी लो फैट डाइट के तौर पर इसका इस्तेमाल वजन घटाने के लिए भी किया जाता है। हालांकि इसके लिए गुलकंद का इस्तेमाल सिर्फ दवाई के तौर पर ही करना चाहिए। इसके स्वाद का लुत्फ उठाने के फेर में जरुरत से ज्यादा इस्तेमाल करने पर ये वजन बढ़ा भी सकता है। मगर फिर भी स्वाद के साथ सेहत का खजाना आपकी लो फैट डाइट का एक जरुरी हिस्सा बन सकता है।
कब्ज और बवासीर से लेकर पेट के रोगों का रामबाण इलाज
गुलाब की पंखुड़ियों से बनने वाला गुलकंद पेट के रोगों के लिए बेहद असरकारी माना जाता है। रात को सोने से पहले ठंडे दूध के साथ गुलकंद का सेवन करने से ये आंतों को नर्म रखता है और कब्ज या बवासीर सरीखी बीमारियों से हिफाजत करता है। गुलकंद के नियमित इस्तेमाल से पेट की गैस सरीखी बीमारियों से भी निजात पाई जा सकती है। आयुर्वेद में माना जाता है कि अगर आपका पाचन तंत्र ठीक से काम कर रहा है तो आपके शरीर की आधी बीमारियां सही हो सकती हैं। इस तंत्र को ठीक करने का जिम्मा आप गुलकंद और सही खानपान पर छोड़ सकते हैं।
त्वचा की नाजुकी बढ़ाएंगी गुलाब की नाजुक पंखुड़ियां
गुलाब से बने गुलकंद का नियमित इस्तेमाल त्वचा की मासूमियत को बचाने और बरकरार रखने में भी काफी कारगर है। हालांकि किसी तरह के त्वचा रोग के सामने आने पर गुलकंद का इस्तेमाल करने से पहले एक बार अपने त्वचा रोग विशेषज्ञ से सलाह जरूर कर लें।
कैसे खाएं, कब खाएं, किसके साथ खाएं...
हालांकि गुलकंद खाने में बेहद स्वादिष्ट होता ही है, मगर गुलाब की मिठास का सेवन करने का एक सही तरीका फॉलो करना भी बेहद जरूरी होता है। अगर आप मीठे के शौकीन हैं तो आप गुलकंद को सीधे ब्रेड पर लगाकर भी खा सकते हैं। अगर आप इसे सिर्फ औषधी के तौर पर ले रहे हैं तो दूध में चीनी डालने की जगह दूध में गुलकंद उबाल कर इसके फायदों को अपना सकते हैं। ज्यादा चिलचिलाती गर्मियों में गुलकंद को पानी के साथ भी खाया जा सकता है। कुछ लोग गुलकंद को लड्डू के तौर पर भी खाना पसंद करते हैं। अगर आप इसकी लज्जत के मुरीद हैं तो आप इसे यूं ही चम्मच भरकर भी खा सकते हैं।