भगवान शिव को सावन का महीना बेहद प्रिय है। यह शिव भक्तों के लिए बहद खास और उत्साहित करने वाला महीना है। शास्त्रों अनुसार जो भी भक्त सच्चे मन से सावन के महीने में भगवान शिवजी की पूजा करता है, उसी सभी मनोकामानए पूरी होती है।
दरअसल, इसके पीछे की मान्यता यह हैं कि दक्ष पुत्री माता सती ने अपने जीवन को त्याग कर कई सालों तक श्रापित जीवन जीया, जिसके बाद उन्होंने हिमालय राज के घर पार्वती के रूप में जन्म लिया। भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए माता पार्वती ने पूरे सावन महीने में कठोर तपस्या की, इसी तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उनकी मनोकामना पूरी की। माता पार्वती से पुन: मिलाप के कारण भगवान शिव को सावन का यह महीना काफी प्रिय हैं। इसी कारण इस माह के सोमवार को कुंवारी कन्या भगवान शिव से प्रार्थना कर मनवाछिंत वर पाती है।
सावन में करें इस बात का परहेज
अक्सर कहा जाता हैं कि सावन माह में कढ़ी और दही नहीं खानी चाहिए। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सावन में भगवान शिव को कच्चा दूध चढ़ाया जाता है इसलिए कच्चा दूध नहीं पीना चाहिए। इस बात को लेकर वैज्ञानिक पहलू भी सामने आता है कि सावन में बारिश की बौछारों से अनचाही घास उग आती है, जिस पर कई तरह के कीड़े मकोड़े भी रहते हैं। इस दौरान गाय भैंस ऐसी ही घास चरती है, जिसका सीधा असर उनके दूध पर पड़ता है, जो इंसान के लिए फायदेमंद नहीं रहता।
ये आहार भी न खाएं
यह महीना भगवान शिव की सच्चे मन से पूजा करने का है। इस पावन महीने में मांस, मछली से भी दूर ही रहने की सलाह दी जाती है।सावन में बैंगन की सब्जी खाने की है मनाही होती है। क्योंकि धार्मिक मान्यताओं के अनुसार बैंगन की सब्ज़ी को अशुद्ध माना जाता है। बारिश के मौसम में कीड़े ज्यादा बढ़ जाते हैं तो बैंगन ऐसी सब्जी हैं, जिसे कीड़े ज्यादा लगते हैं।
क्यों नही खाना चाहिए ये आहार
इसके अलावा डाइजेशन कमज़ोर होने से बैंगन से गैस ज्यादा बनने कि संभावना होती हैं और पाचन तंत्र बिगड़ सकता है। सावन के मौसम में हरी पत्तेदार सब्जियां भी हानिकारक होती है। क्योंकि कीड़े-मकोड़े सब्जियों के पत्तों से चिपक जाते हैं, जिसका नुकसान आपके स्वस्थ्य पर पड़ सकता है।
लोगों को शरीर पर तेल नहीं लगाना चाहिए
सावन माह का पालन करने वाले लोगों को शरीर पर तेल नहीं लगाना चाहिए। कांसे के बर्तन में खाना ना खाए। शिवलिंग की पूजा करते समय हल्दी न चढ़ाएं। इस महीने में हो सके तो दिन के समय नहीं सोना चाहिए। लाख ही भगवान शिव को केतकी का फूल भूल कर भी न चढ़ाएं।