सांस फूलने की परेशानी कई लोगों को होती है लेकिन ये परेशानी जब बीमारी का रूप ले लेती है तब समस्याएं ज्यादा बढ़ जाती हैं। जिन महिलाओं को पीरियड्स में अधिक ब्लीडिंग होती है या जो लोग खून की कमी से पीड़ित होते हैं उन्हें सांस फूलने की शिकायत हो सकती है। मोटापा, धुम्रपान, वायु में मौजूद प्रदूषक, ज्यादा ठंड, एंग्जायटी के कारण भी सांस फूल सकती है। श्वास की नली में सूजन आने से भी कई बार ये परेशानी बढ सकती है। फेफड़ों संबंधी किसी तरह की समस्या होने पर भी सांस फूलने की परेशानी होती है। दिल से जुड़ी कोई भी समस्या होना भी सांस फूलने के कारणों में से एक है। सांस फूलने के रोकने के 2 उपाय हैं। एक, या तो शरीर की आक्सीजन की मांग पूरी करने के लिए बाहर से अतिरिक्त आक्सीजन दी जाए, दूसरा- शरीर की आक्सीजन की मांग को कम किया जाए।
इसके अलावा सांस फूलने से कई बीमारियां भी पैदा हो जाती हैं।
जैसे- अस्थमा, एनीमिया, दिल की बीमारी,टीबी, COPD, निमोनिया, हार्ट फेल होना, फेफड़ों में Oxygen की कमी
सांस फूलने के लक्षण-
सांस लेने में कठिनाई होना, सीढ़ियां चढ़ते ही सांस फूलना
सीने में घबराहट, जलन
ठंड लगना, बुखार-खांसी
रात को भी बेचैनी, एंग्जायटी
पसीना आना और बेहोश हो जाना
जांच
सांस फूलने के कारण की जांच जरूर करनी चाहिए। छाती का ऐक्सरे, छाती का एचआर, सीटी, पीएफटी, दिल के लिए डीएसई (डोब्यूटामीन स्ट्रैस ईको), खून की जांच जैसे विटामिन डी की मात्रा और ब्लड गैस एनालिसिस।
सांस फूलने के घरेलू उपाय और बचाव
1-कोशिश करें कि नियमित व्यायाम को अपनी दिनचर्या में शामिल करें
2-कुछ देर धूप जरूर लें, और धूल-धक्कड़ से दूर रहें।
3-मोटापा किसी भी हालत में बढ़ने न दें
4-रोज तकरीबन 350 ग्राम सलाद और 350 ग्राम फलों का सेवन करें। प्रोटीन भरपूर मात्रा में लें। पत्तेदार सब्जियों का नियमित सेवन करें। किसी तरह के धूम्रपान, नशा या तंबाकू के सेवन से बचें और शराब न पीएं।
5-अगर किसी को दमा या एलर्जी की समस्या है तो वो एलर्जी पैदा करने वाली चीजों से दूर रहे।
6-बच्चों को सर्दी-जुकाम के वैक्सीन दिलवाएं।
7-प्रदूषित वातावरण में निकलने से पहले मास्क पहनें।
8-घर में साफ-सफाई रखें, जिससे धूल-मिट्टी न जमें।
होमियोपैथिक-आयुर्वेदिक इलाज
इसका होमियोपैथिक इलाज भी संभव है।