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  • मखाने खाने का सही तरीका और मखाने के फायदे जाने।

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    • 24 Mar,2021 01:12 AM
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  • "मखाना- एक चमत्कार दवा"
    ढेर सारी बीमारियों को ठीक करने वाली एक दवा। जी हाँ, मुश्किलों का हल है 'फॉक्स नट' यानि 'मखाना' जिसे 'कमल का बीज' भी कहा जाता है। व्रत उपवास के दिन फलाहारी थाली में खाये जाने वाले मखाने से मिठाई, नमकीन और खीर भी बनाई जाती है। मखाना पौष्टिकता से भरपूर होता है क्योंकि इसमें मैगनेशियम, पोटैशियम, फाइबर, आयरन जिंक भरपूर मात्रा में होते हैं। मखाने को ऑर्गेनिक हर्बल भी कहा जाता है क्योंकि इसे बिना रासायनिक खाद के उगाया जाता है। इसे खाने के काफी फायदे होते हैं तो आइये जानते है-

     

    मखाने खाने के फायदे 

    -आयुर्वेदिक डॉक्टर की माने तो आपको सुबह उठते ही खाली पेट पांच से सात मखाने खाने चाहिए। यह शरीर में कई बीमारियों को काटने के साथ ही शरीर में प्रोटीन की मात्रा भी पूरी करते है। इतना ही नहीं पाचन तंत्र से लेकर जोड़ों के दर्द में भी यह लाभदायक है।

    -मखाने में कैलोरी बहुत कम होती है और फाइबर काफी अच्छी मात्रा में पाया जाता है। इसका सेवन किडनी और दिल की सेहत के लिए फायदेमंद है ।  इससे आपकी शारीरिक कमजोरी दूर होती है और शरीर में तुरंत एनर्जी आती है ।  मखाना कैल्शियम से भरपूर होता है इसलिए हड्डियों के लिए बहुत फायदेमंद होता है । मखाना में मौजूद तत्व हमारी बॉडी को कई तरह के हेल्थ बेनिफिट्स देते हैं ।

     -मखाने का उचित मात्रा में सेवन गुर्दो को भी स्वस्थ रखने में सहयोग देता है। यह गुर्दों की कार्य क्षमता को बढ़ा कर उनकी क्रिया को सामान्य बनाये रखने में मदद करता है।  

    -मखाना एंटी-ऑक्सीडेंट से भरपूर होता है जो सभी आयु वर्ग के लोगों को आसानी से पच जाता है। इसके अलावा फूल मखाने में एस्‍ट्रीजन गुण भी होते हैं जिससे यह दस्त से राहत देता है और भूख में सुधार करने के लिए मददगार है।

    -मखाने के सेवन से तनाव दूर होता है और अनिद्रा की समस्या भी दूर रहती है। रात को सोने से पहले दूध के साथ मखानों का सेवन करें और खुद फर्क महसूस करें।

    -गर्मी को दूर रखने में मखाने का सेवन एक अच्छा उपाय है क्योंकि मखानों में शीत (ठंडा) गुण होता है जो कि शरीर की गर्मी को शांत कर राहत दिलाता है।

    -मखाना एंटी-ऑक्सीडेंट से भरपूर होता है जो सभी आयु वर्ग के लोगों को आसानी से पच जाता है। इसके अलावा फूल मखाने में एस्‍ट्रीजन गुण भी होते हैं जिससे यह दस्त से राहत देता है और भूख में सुधार करने के लिए मददगार है।

    -फूल मखाने में मीठा बहुत कम होने के कारण यह स्प्लीन को डिटॉक्‍सीफाइ करता है। किडनी को मजबूत बनाने और ब्‍लड को बेहतर रखने के लिए खानों का नियमित सेवन करें।

    -यह वजन कम करने में भी मदद करता हैं।

    -कई कारणों से कान के दर्द की समस्या हो जाती है। ये बीमारी बच्चों में ज्यादातर देखा जाता है। कान के दर्द से राहत पाने के लिए मखाना के बीज का प्रयोग कर सकते हैं। मखाना के बीजों को पानी में उबालकर काढ़ा जैसा बना लें। इस काढ़ा को एक या दो बूंद कान में डालें। इससे कान दर्द कम (makhane ke fayde) होता है।

    -मखानों का प्रयोग मसूढ़ों से होने वाली ब्लीडिंग और सूजन को दूर करने में कर सकते है क्योंकि मखानों में कषाय और शीत का गुण पाया जाता है जो कि खून को आने से रोकता है।

    -गठिया से निजात पाने के लिए भी आप इसका इस्तेमाल कर सकते हो। गठिया के कारण शरीर के जोड़ों, जैसे-पैर और हाथ आदि अंगों में बहुत दर्द होता है। इसके लिए मखाना पेड़ के पत्तों को पीसकर दर्द वाले जगह पर लगाएं। इससे आराम (makhane ke fayde) मिलता है।

    -कई लोगों को शरीर के भिन्न-भिन्न अंगों, जैसे- पैर या पैर के तलवे आदि में जलन की समस्या रहती है। मखाने को दूध में मिलाकर पीने से इस परेशानी में आराम मिलता है।

    -मखाने में अच्छी मात्रा में प्रोटीन और हेल्दी कार्बोहाइड्रेट्स होते हैं, जो मसल्स बनाने में मदद करते हैं। जिन लोगों का शरीर कमजोर है या शरीर में मांस कम है, वो लोग रोजाना मखाना खाएं, मखाने की खीर खाएं या सब्जी बनाकर खाएं तो उनको लाभ मिलता है।

    - इसका सेवन केलेस्ट्रोल नही बढ्ने देता और यह आपका पाचन और आपके ब्लड शुगर को भी अच्छा रखता है।

    -आमतौर पर दस्त की परेशानी खान-पान में बदलाव या फूड प्वाइजनिंग की वजह से होता है। इसके लिए आहार में बदलाव लाने के साथ-साथ मखाना का सेवन करें। इससे दस्त पर रोक लगती है। 

     

    दूध और मखाने खाने के फायदे

    दूध मखाने को कई लोग इसको खीले के नाम से भी जानते हैं । मखाने में प्रोटीन, एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन, कैल्शियम, मिनरल्स और फास्फोरस का गुण पाया जाता है। इसका सेवन हमारे शरीर के लिए बहुत ही अच्छा होता है यह वह तत्व हैं जो हमारे शरीर के लिए बहुत ही जरूरी है है हमारे शरीर को बीमारियों से भी बचाते हैं। मखाने को दूध में भिगो कर उसका पेस्ट बना लें और इस पेस्ट को रोज रात को सोने से पहले एक चम्मच पेस्ट को 1 ग्लास गरम दूध में केसर के साथ मिला कर इसका सेवन करें यह आपको अच्छी नींद देगा। मखाने का सेवन दूध में उबाल कर काजू बादाम किशमिश दाल कर सेवन करना भी आपको लाभ देता है। मखाने की खीर भी बनाई जाती है आप इसका सेवन भी कर सकते हैं यह भी आपको उतना ही पोषण देगी जितना की दूध में उबाल कर सेवन करना।

    नपुंसकता से बचाएगा मखाना

    इसका सबसे बड़ा कारण हैं यौन अंग में ब्लड सर्कुलेशन सही से ना होना। लेकिन मखाने का सेवन रेगुलर करने से आप इस समस्या से निजात पा सकते हैं, क्योंकि इसमें वृष्य यानि अंदरूनी शक्ति बढ़ाने का गुण होता हैं जो पुरुषों के अंदर नपुंसक का खतरा कम कर देते हैं। अच्छे स्पर्म काउंट और हेल्दी स्पर्म के लिए आपको रोजाना मखाना खाना चाहिए।

    मखाने में कितना कैल्शियम होता है

    मखाने में कैल्शियम भरपूर मात्रा में होता है। इनका सेवन जोड़ों के दर्द, गठिया जैसे मरीजों के लिए काफी फायदेमंद साबित होता है।

    खाली पेट मखाने खाने के फायदे

    सुबह उठते ही खाली पेट पांच से सात मखाने खाने चाहिए। दिल की बीमारी के लिए सुबह खाली पेट मखाने खाने से आपका दिल मजबूत रहता है। स्ट्रेस से राहत- रोज सुबह उठते ही मखाने का सेवन जरूर करना चाहिए।

    मखाने के फायदे शुगर में

    आजकल की जीवनशैली इतनी खराब हो गई है कि लोगों को बहुत सारी बीमारियों ने घेर रखा हैं। इनमें डायबिटीज (शुगर) भी एक है। समय के अभाव के कारण लोग असंतुलित भोजन को अधिक प्राथमिकता देते हैं, जिसके कारण शरीर में शर्करा का स्तर बढ़ जाता है। यह डायबिटीज का कारण बनता है।

    -डायबिटीज के मरीजों के लिए मखाना खाना बेहद फायदेमंद होता है। आप इसे अपनी डाइट में अलग-अलग तरह से शामिल कर सकते हैं। मखाने की शर्करा रहित खीर बनाएं। इसमें सालम मिश्री का चूर्ण डालकर खिलाएं। इसे नियमित खाने पर ब्‍लड शुगर का लेवल काफी कंट्रोल में रहता है।

    -सुबह खाली पेट 8-10 मखाने खाएं। इनका सेवन कुछ दिनों तक लगातार करें। इसके सेवन से शरीर में इंसुलिन बनने लगता है और शुगर की मात्रा कम हो जाती है। फिर धीरे-धीरे शुगर रोग भी खत्म हो जाता है।

    मखाने खाने का सही तरीका

    आप मखानों को पकाकर या कच्‍चा खा सकते हैं। आप इसमें मक्‍खन, नमक या शहद डालकर भी खा सकते हैं। मखानों को घी में भूनकर खाने से भी इनका स्‍वाद बढ़ जाता है। आप दलिये या खीरे में भी मखाने डाल सकते हैं।  मखाने का सेवन सलाद में नियंत्रित मात्रा में किया जा सकता है। इन्हे भून कर या फिर चूर्ण बनाकर भी प्रयोग में लाया जा सकता है।  

    मखाने का पेड़ कैसा होता है

    मखाने का पेड़ पानी में होता हैं।  मखाने का पेड़ कांटेदार तथा कमल के समान होते हैं। इसके पत्ते कमल के समान, गोलाकार होते हैं, जो ऊपर से हरे, लेकिन नीचे से लाल या बैंगनी रंग के होते हैं। इसके फल गोलाकार, कांटेदार तथा मुलायम (स्पंज वाले) होते हैं। इसके बीज मटर के समान, या इससे कुछ बड़े होते हैं। फल संख्या में 8-20 तथा हल्के काले रंग के होते हैं। इसे कच्चा या भूनकर खाते हैं। बालू में भूनने से यह फूल जाते हैं, जिन्हें मखाना कहा जाता है।

    फूल मखाने कैसे बनते है

    मखाने का फल काफी कांटेदार होते हैं, लगभग 1 से 2 महीनों के अंदर सारे कांटे गल जाते हैं । इसके बाद किसान सितंबर से अक्टूबर के महीने में मखाने के फूलों को इकट्ठा कर लेते हैं । इसके बाद इसके बीजों को तेज धूप में सुखाया जाता है ।

    मखाने की खेती

    मखाने की खेती उथले पानी वाले तालाबों में की जाती है। इसके बीज सफेद और छोटे होते हैं, दिसंबर से जनवरी के बीच मखाना के बीजों की बोआई तालाबों में होती है। अप्रैल के महीने में पौधों में फूल लगने लगते हैं। मखाने के फूल जुलाई के महीने में 24 से 48 घंटे तक पानी की सतह पर तैरते पाए जाते हैं।  

    नुकसान

    मखाने ज्‍यादा खाने की वजह से पेट फूलने और कब्‍ज की शिकायत हो सकती है। इसकी वजह से ब्‍लड शुगर लेवल भी गिर सकता है। अगर आप डायबिटीज की मरीज हैं तो आपको अधिक मात्रा में मखाने खाने से बचना चाहिए। अगर आपको मखानों से एलर्जी है तो गलती से भी प्रेग्‍नेंसी में इनका सेवन न करें।

    अन्य भाषाओं में मखाना के नाम

    मखाना (phool makhana) का वानस्पतिक नाम Euryale ferox Salisb. (यूराइआली फैरॉक्स) Syn-Euryale indica Planch है, और यह Nymphaeaceae (निम्फिएसी) कुल का है। मखाना को दुनिया भर में इन नामों से भी जाना जाता हैः-
    Makhana in Sanskrit– मखान्न, पद्मबीजाभ, पानीयफल, अंकलोड्य;
    Makhana in Hindi– मखाना, मखान्ना;
    Makhana in Oriya– कंटपद्मा (Kantpadma);
    Makhana in Urdu– मखाना (Makhana);
    Makhana in Bengali– माखाना (Makhana);
    Makhana in Gujarati– मखाणा (Makhana);
    Makhana in Telugu– मेल्लुनिपदममु (Mellunipadmamu);
    Makhana in Nepali– मख्ना (Makhna);
    Makhana in Punjabi– जवेर (Jeweir);
    Makhana in Marathi – मखणे (Makhane), मखाणे (Makhane);
    Makhana in Malayalam– सीवसट (Sivsat);
    Makhana in Manipuri– थान्गजिन्ग (Thangjing)
    Makhana in English -गोरगोन फ्रूट (Gorgon fruits), प्रिकली वाटर लिलि (Prickly water lily), Fox nut (फॉक्स नट)
    Makhana in Arabic– मखाना लवाह (Makhana lawah);
    Makhana in Persian-मुकरेष (Mukhresh), मुखरेह (Mukhareh)

     

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