दालचीनी
हर घर की रसोई में दालचीनी का उपयोग मसाले के रूप में किया जाता हैं। इस मसाले की खास बात ये है कि इसका प्रयोग सिर्फ सब्जी या स्वाद के लिए ही नहीं किया जाता बल्कि इसका प्रयोग रोगो को ठीक करने के लिए भी किया जाता हैं। आर्युवेदिक ही नहीं बल्कि इसका इस्तेमाल अलोपेथिक दवाइयां बनाने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता हैं।
दालचीनी वास्तव में एक पेड़ की पतली, पीली, और अधिक सुगन्धित छाल होती है। यह भूरे रंग की मुलायम, और चिकनी होती है। इस छाल को छीलकर सुखाया जाता है और चूर्ण जैसे पीसा जाता है। यह लपेटे हुए रोल में भी मिलता है। दालचीनी की नियमित रूप से कटाई छंटाई की जाती है और झाड़ियों के समूह के रूप में रखा जाता है, ताकि छाल की खेती आसानी से की जा सके।
दालचीनी को कैसे खाएं?
आप गर्म या गुनगुने पानी में दालचीनी के पाउडर को शहद के साथ मिलाकर पी सकते हैं। दालचीनी के पाउडर को पिसी हुई काली मिर्च के साथ सेवन करने से भी राहत मिलती है। इससे पुराने कफ में भी राहत मिलती हैं।
दालचीनी के फायदे
-दालचीनी स्वास्थ्य के लिए बहुत फायेदेमंद है और यह सामान्य सर्दी-ज़ुकाम से लेकर अल्ज़ाइमर और पार्किंसन जैसी न्यूरोडीजेनेरेटिव विकारों तक कई सारी बीमरियों से लड़ने में मदद करती है।
-सिनामन रोल नाम से जानी जाने वाली स्वादिष्ट मिठाई दुनिया भर में प्रसिद्ध है। इसे खाने से रोग भी ठीक रहते हैं और स्वाद भी आता रहता हैं।
- इसे खाने से दस्त, और टीबी के मरीजों को लाभ मिलता है।
- हमेशा हिचकी आने की शिकायत रहने वाले लोग इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।
-भूख को बढ़ाने में दालचीनी काफी सहायक होती हैं।
-दालचीनी ऑक्सीकरण रोधी है, इसमें शोथरोधी गुण हैं, इसके नियमित सेवन से हृदय रोग का खतरा कम होता है।
-अनेक लोग बराबर शिकायत करते हैं कि उनकी आंखें फड़कती रहती हैं। दालचीनी का तेल आंखों के ऊपर पलक पर लगाएं। इससे आंखों का फड़कना बन्द हो जाता है, और आंखों की रोशनी भी बढ़ती है।
-अगर आप सिर दर्द से परेशान रहते हैं तो इसके तेल के साथ सिर की मालिश करे।
-नाक के रोग में दालचीनी का इस्तेमाल किया जाता हैं। इसके लिए दालचीनी 3½ ग्राम, लौंग 600 मिग्रा, सोंठ 2 ग्राम को एक लीटर पानी में उबाल लें। जब यह पानी 250 मिली रह जाए, तो इसे छान लें। इसको दिन में 3 बार लेने से नाक के रोग में लाभ होता है। आपको इसे 50 मिली की मात्रा में लेना है।
-पेट से संबंधित कई तरह के रोगों में दालचीनी बहुत ही फायदेमंद होती है। 5 ग्राम दालचीनी चूर्ण में 1 चम्मच मधु मिला लें। इसे दिन में 3 बार सेवन करें।
-Post Pregnancy में 1-2 ग्राम चूर्ण को शहद के साथ चाटें। इससे मां बनने वाली महिलाओं के रोग ठीक हो जाते हैं।
-साइनस में काफी फायदेमंद साबित होती हैं ये दालचीनी। दालचीनी, आक का दूध, तथा दारुहल्दी को पीस लें। इसका पेस्ट बत्ती के जैसा बना लें। साइनस में नाक के अंदर घाव बन जाता है, इसे उस घाव पर लगाएं। इससे घाव को भर दें। इससे साइनस में फायदा होता है।
-दालचीनी के पत्ते के तेल को लगाने से भी गठिया में आराम मिलता है।
दालचीनी और शहद खाने से फायदा
दालचीनी और शहद का मिश्रण हार्ट अटैक के जोखिम से बचाता है। यदि आप रोज दालचीनी पाउडर और शहद के पेस्ट को ब्रेकफास्ट में खाएं तो यह आपका कोलेस्ट्रॉल लेवल कम करने में मदद करता है। दालचीनी और शहद को मिलाकर रोज खाने से गठिया रोग के दर्द में भी राहत मिलती है।
दालचीनी कितनी लेनी चाहिए?
एक्सपर्ट्स की मानें तो लगभग 60 किलो वजन के एक व्यक्ति के लिए दिनभर में 5 मिलीग्राम दालचीनी काफी होती है। यह मात्रा एक टेबलस्पून से भी काफी कम होती है। अगर आप एक पूरे दिन में इतनी दालचीनी का उपयोग अपने भोजन में करते हैं, तब भी आप सीमित मात्रा से अधिक दालचीनी का उपयोग कर रहे होते हैं।
दालचीनी की तासीर
दालचीनी की तासीर गर्म होती है, इसलिए सर्दियों में होने वाले सर्दी-जुकाम के साथ ही पेट की चर्बी, वजन घटाने और डायबिटीज जैसी गंभीर बीमारियों में इसका सेवन करना बेहद फायदेमंद रहता है।
दालचीनी का पानी पीने से क्या होता है?
दालचीनी का पानी महिलाओं में पीसीओएस को कम करने के साथ इंसुलिन को भी नियंत्रण में रखने में मदद करता है। दालचीनी में मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट पॉलीफिनॉल और प्रोऐंथोसाइनिडिन्स हमारी पाचन क्रिया को मजबूत करने में कारगर है।
दालचीनी के तेल के फायदे
दालचीनी के तेल का प्रयोग दर्द, घाव और सूजन को समाप्त करने के लिए किया जाता है। यह त्वचा की खुजली को भी खत्म करने के साथ, दांतों के दर्द में भी राहत देती है। मुंह से बदबू आने की समस्या में दालचीनी को मुंह में रखकर चूसना बहुत काफी फायदेमंद साबित होता है।
गर्म पानी में दालचीनी पीने के फायदे
गर्म पानी में दालचीनी पीने के काफी फायदे होते हैं इससे पीने से आपको गले से रिलेटेड कोई समस्या नहीं होती हैं।
दालचीनी वाला दूध
अगर आपके पेट में एसिडिटी बनती हैं तो आप दालचीनी वाला दूध या फिर चाय में भी दालचीनी का पॉवडर डाल कर पी सकते हो। ऐसे में शरीर को एसिडिटी बनने से बचाया जा सकता हैं।
अन्य भाषाओं में दालचीनी के नाम
Cinnamon in hindi – दालचीनी, दारुचीनी, दारचीनी
दालचीनी in English– ट्रु सिनैमोन (True Cinnamon), सीलोन सिनामोन (Ceylon Cinnamon)
दालचीनी in Sanskrit– त्वक्, स्वाद्वी, तनुत्वक्, दारुसिता, चोचम, वराङ्ग, भृङ्ग, उत्कट
दालचीनी in Urdu– दारचीनी (Darchini)
दालचीनी in Oriya– दालोचीनी (Dalochini), दारूचीनी (Daruchini)
दालचीनी in Kannada– लवङ्ग चक्के (Lavanga chakke), तेजदालचीनी (TejaDalchini)
दालचीनी in Gujarati– दालचीनी (Dalchini), तज (Taj)
दालचीनी in Tamil– लवंग पत्तै (Lavang pattai)
दालचीनी in Telugu– लवंगमु (Lavangamu)
दालचीनी in Bengali– दारुचीनी (Daruchini)
दालचीनी in Punjabi– दाचीनी (Dachini), किरफा (Kirfa)