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  • नहीं सताएगी शुगर, बस अपनाइए ये टिप्स

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    • 05 Oct,2021 08:43 PM
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  • शुगर ( Diabetes )

    शहर की भागदौड़ में अपने रुटीन के पीछे दौड़ते-भागते पता ही नहीं चलता कि कब शुगर ने शरीर में घर कर लिया है। मगर शुगर के साथ जीने की आदत डालने की जरुरत नहीं है। सिर्फ कुछ आसान टिप्स अपना कर आप शुगर को काफी हद तक कम कर सकते हैं। सिर्फ दवाओं से नहीं बल्कि अपने खान –पान में थोड़े से परहेज और सावधानी से ही आप शुगर को कंट्रोल कर सकते हैं। आईए हम आपको बताते हैं किसमें ज्यादा शुगर है और कौन सी चीजें आपको नहीं खानी हैं, क्या खाने से आपको फायदा होगा । 

    शुगर में कौन सा जूस पीना चाहिए?

    शुगर को कंट्रोल रखने के लिए कुछ फलों के जूस आपके लिए इम्युनिटी बूस्टर का काम कर सकता है। 

    करेले का जूस
    शुगर के मरीजों को खास तौर पर करेले का जूस पीने की सलाह दी जाती है। वहीं करेले के कुदरती गुण शरीर की अतिरिक्त वसा को भी खत्म करता है। 

    अनार का जूस
    अनार में प्रचुर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो बैड कोलेस्ट्रॉल को कम कर के डायबिटीज को कंट्रोल करता है। 

    पालक का जूस
    पालक ना सिर्फ रक्त में शर्करा की मात्रा को नियंत्रित रखता है बल्कि तेजी से वजन घटाने में भी मददगार होता है। पालक के जूस से आंखों और त्वचा की सेहत भी सुधरती है।

    टमाटर का जूस
    टमाटर में मौजूद लाइकोपिन और बीटा कैरोटीन शुगर और हाई बीपी को नियंत्रित रखते हैं। एनीमिया के इलाज के लिए टमाटर में गाजर, चुकंदर, नींबू भी मिला सकते हैं। 

    लौकी का जूस
    नाम सुनते ही टेस्ट जरूर खराब हो जाएगा मगर लौकी का जूस शुगर के मरीजों के लिए संजीवनी बूटी से कम नहीं है। 

    शुगर में चावल खाना चाहिए कि नहीं ?

    चावल मगर ब्राऊन इन व्हाइट आऊट
    जिन लोगों को खाने में चावल पसंद हैं उनके लिए शुगर होते ही चावल को छोड़ना किसी सजा से कम नहीं होता। चावल खाने से शुगर का खतरा 11 फीसदी तक बढ़ जाता है। मगर ब्राउन राइस खाने से टाइप टू डाइबिटीज का  खतरा कम हो जाता है। इसमें ग्लाइसिमिक इंडेक्स 68 होता है जबकि अन्य चावल में ये 73 होता है।

    नया नहीं पुराना चावल 
    शुगर के संकेत मिलते ही नये चावल से परहेज करना शुरु कर दें क्योंकि इसमें शुगर और स्टार्च दोनों का स्तर काफी बढ़ा हुआ होता है। 

    शुगर में क्या खाना चाहिए ?
    अगर शुगर के शुरुआती संकेत भी मिलने लगे हैं तो सिर्फ ब्राउन राइस ही नहीं ओट्स और जौ भी आपकी डाइट में होना जरूर है। साबुत अनाज में कार्बोहाइड्रेट ज्यादा होता है मगर फाइबर भी भरपूर होता है। 

    दही है सही
    वे-प्रोटीन और लो-कार्बोहाइड्रेट होने के कारण दही एक अच्छा विकल्प है मगर भूलकर भी इसे मीठा करने की कोशिश ना करें। इसे और हेल्दी करने के लिए इसमें जामुन या अनार डाल सकते हैं।

    शकरकंद
    फाइबर और विटामिन सी के लिए शकरकंद को डाइट में शामिल किया जा सकता है। शकरकंद में विटामिन ए भी काफी मात्रा में मिल जाएगा।

    ओमेगा 3 के लिए फैटी फिश
    सालमन, हेरिंग, सार्डिन, मैकेरल, ट्राउट और ट्यूना फिश में मौजूद ओमेगा 3 दिल की बीमारियों को दूर रखती हैं। मेडिकल साइंस शुगर के मरीजों को आंखों की दिक्कतों से बचाने के लिए हफ्ते में दो बार तक फैटी फिश की सलाह देते हैं।

    पालक 
    हरी पत्तेदार सब्जियों में मौजूद पॉलीफेनोल और विटामिन C शुगर के लेवल को कम रखता है। ये मरीज को इंसुलिन प्रतिरोध से लड़ने में फायदा करता है।

    एवोकाडो 
    हेल्दी फैट के लिए बेहतरीन फल एवोकाडो फाइबर से भरपूर होता है। ये इंसुलिन स्पाइक्स को नियंत्रण में रखता है। 

    फलियां 
    दास, फलियां और छोले फाइबर और प्रोटीन से भरपूर होते हैं। फलियां ब्लड शुगर को काबू में रखते हैं। 

    जामुन-बेरी
    जामुन को अकेले ही शुगर का इलाज माना जाता है। बेरी के फल फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट ब्लड शुगर के अलावा दिल की बीमारियों को भी दूर रखता 

    स्नैक्स मगर नो सॉल्ट
    चाय के साथ स्नैक्स ना हो तो शाम कैसे बने...। मगर अगर आपको शुगर सता रही है तो चाय के साथ स्नैक्स तो खा सकते हैं मगर बिना नमक के। बिना नमक वाला हैल्दी स्नैक्स फाइबर, प्रोटीन, मेग्नीशियम और हेल्दी फैट से रिच होता है

    प्याज से करें प्यार...
    तीखी गंध वाली प्याज शर्करा के रोगियों के लिए औषधी का काम करती है। प्याज में मौजूद क्वीरसेटिन से डायबिटीज नियंत्रित रहती है। रोजाना एक या दो प्याज का सेवन करने से ब्लड शुगर का स्तर कम हो जाता है। 

    शुगर में कौन सी दाल खानी चाहिए? 

    दाल या पल्स में मौजूद घुलनशील फाइबर शर्करा को संतुलित रखता है। वहीं अघुलनशील फाइबर कब्‍ज की शिकायत नहीं आने देता। कॉम्‍प्‍लेक्‍स कार्बोहाइड्रेट में फाइबर के अलावा प्रोटीन भी भरपूर होता है जिससे ब्लड में ग्‍लूकोज का टूटने की रफ्तार कम हो जाती है।

    चने की दाल
    चना दाल में हाई प्रोटीन के साथ-साथ फोलिक एसिड मौजूद होता है। इससे रक्त में आरबीसी बनने में मदद मिलती है। 

    राजमा
    राजमा को आंखों के अलावा त्वचा के लिए भी बेहतरीन फूड सप्लिमेंट माना जाता है। इसमें मौजूद बीपी को संतुलित रखता है।

    मूंग दाल
    पचाने में बेहद आसान मूंग की दाल को प्रेगनेंसी में काफी फायदेमंद माना जाता है। ये दिल का काफी अच्छे से ख्याल रखती है।

    उड़द दाल
    प्रोटीन की खासी मात्रा समेटे उड़द की दाल का स्किन हेल्थ के लिए बेहतरीन है। 

    छोले
    प्रोटीन और फाइबर के साथ-साथ कई तरह के विटामिन और खनिज पदार्थों को समेटे छोले शुगर के रोगियों के लिए आदर्श भोजन हैं। शुगर के मरीज लोभिया, मसूर, सोयाबीन, साबूत तुअर दाल और काले चने को भी आराम से खा सकते हैं। 

    टमाटर को हां या ना
    टाईप सी के शुगर पेशेंट्स के लिए टमाटर बेहद फायदेमंद है। ये शुगर की दिक्कतों को कम करने की कूव्वत रखता है। लगातार तीन हफ्तों तक टमाटर खाने से खून में प्लेटलेट्स एग्रीगेशन और ब्लड थिनिंग इफेक्ट्स दिखाई देने लगते हैं। ऐसे में टमाटर  ब्लड क्लॉटिंग की दिक्कत भी दूर हो सकती है। 

    शुगर में कौन सा फल खाना चाहिए?

    कुछ फल आपकी शुगर के लिए मेडिसिन का काम करते हैं। आंवला, सेव, चेरी, खजूर, अंगूर और अमरूद का कांबिनेशन आप रोजाना भी ले सकते हैं। 
    कटहल, जामुन, लीची, संतरा, पपीता, आड़ू, आलू बुखारा, नाशपाती, अनानास , स्ट्रॉबरी,  तरबूज और अनार शुगर के लिए फायदेमंद होते हैं। मगर इनकी मात्रा के बारे में चिकित्सक से सलाह ली जा सकती है। 

     

    शुगर में कौन सी सब्जी खाना चाहिए?

    सब्जियों में मिलने वाले पोषक तत्व शुगर से लड़ने की ताकत देते हैं। शुगर के मरीजों को सभी सब्जियां नहीं दे सकते मगर पालक, फूल गोभी, मटर , शिमला मिर्च, लौकी, प्याज, लहसुन, अजवाइन , सेम, बैंगन, सलाद, तोरी, टमाटर, ब्रोकली शुगर के मरीजों के लिए लाभदायक होती हैं।

    क्या करें क्या ना करें...
    स्मोकिंग शुगर के टाइप 2 के मरीजों के लिए आम लोगों से कहीं ज्यादा खतरनाक होती है। इससे उनके पैरों और फेफड़ो में ब्लड फ्लो और कम करके अल्सर की हालत पैदा कर सकता  है। उनमें हार्ट अटैक, स्ट्रोक, आंखों की बीमारियां, गुर्दे की बीमारियों से लेकर तंत्रिकाओं तक को क्षति पहुंचा सकता है।

    शुगर की है फिकर तो नो लिकर...
    ड्रिंक करने से शुगर का लेवल शूट भी कर सकता है और कम भी हो सकता है। इसलिए या तो ड्रिंक से तौबा कर लें या फिर कम मात्रा में दिन में एक बार से ज्यादा ना पियें। अगर आप इंसुलिन ले रहे हैं तो ड्रिंक संभल कर करें। 

    तो क्या पनीर भी छोड़ना पड़ेगा...?
    जी नहीं। शुगर के मरीजों के लिए पनीर खाना बीमारी नहीं बल्कि दवाई का काम करता है। रोजाना पनीर खाने से शुगर का टाइप 2 डायबिटीज का खतरा 12 प्रतिशत कम हो सकता है। पनीर में प्रोटीन और कैल्शियम के अलावा विटामिन ए, बी2, बी 12, विटमिन डी के अलावा, जिंक, फॉस्फॉरस, सोडियम और मैग्नीशिमय काफी मात्रा में मिलते हैं। 

    कौन-कौन सी सब्जी अब नहीं मिलेगी...
    शुगर के मरीजों के लिए सिर्फ मीठे या चावल का परहेज काफी नहीं होता। सूरन, अरबी समेत स्टार्च वाली सब्जियों से भी दूर ही रहना चाहिए

    शुगर से कैसे छुड़ाएं पीछा
    घरेलू उपचार भी कई बार शुगर के इलाज में कारगर साबित होते हैं। खाली पेट करेले का जूस, 2-3 आंवले के बीज का पेस्ट काफी फायदेमंद होता है। रात भर भीगे हुए मेथी के दानों को सुबह खाली पेट चबाकर खाने से शुगर कंट्रोल में रहती है। 

    दालचीनी और एलोवोरा का पानी
    रोजाना 1 कप गुनगुने पानी में 1 चम्मच दालचीनी पाउडर मिलाकर पीने या एलोवेरा के पत्तों को रात भर भिगोकर पीने से शुगर पर नियंत्रण रहता है।

    जामुन सिर्फ फल ही नहीं पूरा जामुन ही है डॉक्टर
    फल के तौर पर जामुन खाने के अलावा पत्ते, बीज और बेर सारा हिस्सा शुगर के इलाज में शामिल किया जाता है। जामुन के अलावा आम के पत्तों से भी शुगर के इलाज में मदद मिलती है। आम के दर्जन भर पत्तों को रात भर पानी में भिगोकर सुबह खाली पेट इस पानी को पिया जा सकता है। इस पानी को दिन में दो बार भी पी सकते हैं। 

    क्या है रैंडम शुगर लेवल

    एक सामान्य व्यक्ति का शुगर लेवल सुबह खाली पेट 70 से 99 मिलीग्राम/डीएल और खाने के दो घंटे बाद 110 से ज्यादा नहीं होना चाहिए। वहीं शुगर के पेशेंट के लिए 70 से 130 सामान्य माना जाता है। सोने से पहले सामान्य व्यक्ति का शुगर लेवल 120 से कम और पेशेंट का शुगर लेवल 90 से 150 के बीच होता है।

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