आज की बदलती और भागती-दौड़ती जिंदगी में किसी को भी कोलेस्ट्रॉल होना आम बात है। हाई-कोलेस्ट्रॉल के कारण मोटापा, तनाव और कई तरह की अंदरुनी बीमारियां भी हमें हो जाती हैं लेकिन हमें इसका कारण समझ ही नहीं आता।
आईए जानते हैं कोलेस्ट्रोल क्या है?
ये आपके खून में मौजूद एक वसा युक्त पदार्थ है जो कोशिका झिल्ली के निर्माण और रखरखाव के लिए जरूरी है। इतना ही नहीं, यह धूप को विटामिन डी में बदलता है और अन्य महत्वपूर्ण कार्यों में परिवर्तित करता है। लेकिन वहीं जब खून में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ने लगती है तो ये शरीर में अन्य कई बीमारियां पैदा हो जाती हैं। जैसे दिल से जुड़ी बीमारी सबसे अहम है। इसलिए इसे नियंत्रित करना बेहद आवश्यक है।
हाई-कोलस्ट्रॉल से खतरा
कोलेस्ट्रॉल बढ़ने से क्या क्या बीमारियां हो सकती हैं
1-कोलेस्ट्रॉल धमनियों में जमा होकर उन्हें संकरा कर देता है। इससे रक्तसंचार ठीक से नहीं हो पाता, जो हार्ट अटैक का कारण बनता है। इससे मस्तिष्क की कार्यक्षमता पर असर पड़ता है और ब्रेन स्ट्रोक, तनाव आदि की आशंकाएं बढ़ जाती हैं।
2- हेल्थ एक्सपर्ट्स बताते हैं कि कोलेस्ट्रॉल नियंत्रित रहने से बुढ़ापे में अल्जाइमर की आशंका कम रहती है।
3-कोलेस्ट्रॉल बढ़ने से आंखों तक खून ढंग से नहीं पहुंच पाता, जो आंखों पर बुरा असर डालता है।
4- कोलेस्ट्रॉल बढ़ना किडनी पर भी बुरा असर डालता है। सीने में दर्द रहने या एंजाइना की समस्या हो सकती है।
5-कोलेस्ट्रॉल बढ़ने पर पेरिफेरल नसों में ऑक्सीजन व पोषक तत्वों से युक्त रक्त नहीं पहुंच पाता। इससे हाथ-पैर में सिहरन व अकारण दर्द महसूस होता है। कई अंगों में सूजन भी आ सकती है।
6- थोड़ा भी चलने-फिरने पर थकान, सांस फूलना या दिल की धड़कन तेज होने की समस्या होने लगती है। वजन तेजी से बढ़ने लगता है। ज्यादा पसीना आता है।
7- आंखों के सफेद भाग या कॉर्निया पर ग्रे रंग का छल्ला दिखाई देने लगता है। इससे खास दिक्कत नहीं होती, पर यह कोलेस्ट्रॉल बढ़ने का संकेत समझना चाहिए। (दो तरह के कोलेस्ट्रॉल में से कम घनत्व वाले लिपोप्रोटीन (एलडीएल) को खराब और उच्च घनत्व वाले लिपोप्रोटीन (एचडीएल) को अच्छा कोलेस्ट्रॉल माना जाता है। )
कैसे बचें इससे- क्या खाएं -घरेलू इलाज
-भारी तेल का इस्तेमाल कम करें, तेल-घी से बचना ही बेहतर होगा। इसके अलावा वनस्पति तेल जैसे सूरजमुखी, जैतून, सोयाबीन वगैरह के तेल बेहतर हैं।
-धूम्रपान से बचें। यह धमनियों की दीवारों को नुकसान पहुंचाता है, जिससे कोलेस्ट्रॉल जमा होने की आशंका बढ़ती है। . -फाइबर युक्त आहार खाएं। एक शोध के अनुसार आहार में फाइबर की मात्रा कम हो तो सिर्फ छह दिन में ही ट्राइग्लिसराइड 45 फीसदी तक बढ़ जाता है।
-सूखे मेवों का सेवन करें। कई शोधों के अनुसार मेथी दाना, लहसुन और हल्दी का नियमित सेवन कोलेस्ट्रॉल को काबू में रखने में मदद करता है।
-ताजे फल और सब्जियों को आहार में भरपूर रखें। ये जीरो कोलेस्ट्रॉल वाले खाद्य पदार्थ हैं। बैंगन, भिंडी, शलजम और शकरकंद विशेष फायदेमंद हैं।
-संतरे का रस और नाशपाती कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित रखने में मदद करते हैं। आंवले में मौजूद विटामिन-सी कोलेस्ट्रॉल को खून की नलियों में तरल बनाए रखता है और जमा नहीं होने देता।
-शोध के अनुसार तीन महीने तक नाश्ते में ओट्स खाने से कोलेस्ट्रॉल का स्तर 5.3 फीसदी कम हो जाता है। -विटामिन-बी और विटामिन-ई शरीर में एचडीएल यानी अच्छे कोलेस्ट्रेॉल के स्तर को बढ़ाते हैं।
क्या खाने से बढ़ता है कोलेस्ट्रॉल
-सैचुरेटेड फैट, ट्रांस फैट और कोलेस्ट्रॉल वाली चीजें ज्यादा खाना। मसलन, मांस, मक्खन, दूध, घी, पनीर, अंडे, केक आदि।
-20 की आयु के बाद कोलेस्ट्रॉल का स्तर स्त्री-पुरुष में औसतन एक जैसा बढ़ता है, पर रजोनिवृत्ति के बाद महिलाओं पर इसका असर ज्यादा देखने को मिलता है। -वजन बढ़ने पर ट्राईग्लिसराइड बढ़ने लगता है, जो कोलेस्ट्रॉल बढ़ाता है।
-थाइरॉएड, किडनी और कुछ लिवर के रोग भी कोलेस्ट्रॉल बढ़ाते हैं। -दवाओं का असर बीटा-ब्लॉकर, एस्ट्रोजन, ड्यूरेटिक्स तथा कॉर्टिसोस्टिरॉएड का अधिक सेवन भी कोलेस्ट्रॉल का कारण बन सकता है।
कोलेस्ट्रॉल कम करने का आयुर्वेदिक रामबाण इलाज
आयुर्वेद में बढ़े कोलेस्ट्रॉल को कम करने के लिए काफी उपाय हैं। पंचकर्म से शरीर शोधन के बाद अर्जुनारिष्ट, पुनर्नवा मंडूर, आरोग्यवर्धिनी, त्रिफला, चंद्रप्रभा वटी, तुलसी, धनिया, अर्जुन की छाल के चूर्ण का काढ़ा आदि के द्वारा इसका इलाज किया जाता है।
कोलेस्ट्रॉल कम करने की एक्सरसाइज
कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित रखने के लिए डॉक्टर सबसे पहले शारीरिक स्थित को देखकर योग-व्यायाम की ही सलाह देते हैं। चक्रासन, शलभासन, सर्वांगासन, पश्चिमोत्तानासन, अर्धमत्स्येंद्रासन विशेष लाभप्रद हैं। साथ में कपालभाति, अनुलोम-विलोम तथा नाड़ीशोधन प्राणायाम जरूर करना चाहिए। हल्के स्ट्रेचिंग व्यायाम, एरोबिक एक्सरसाइज का नियमित अभ्यास कोलेस्ट्रॉल समस्या में राहत देता है।