तिल खाने से शरीर को पोषण मिलता है और आप कई तरह की बीमारियों से दूर रहते हैं। सफेद या काला तिल दोनों ही शरीर के लिए लाभकारी है। लेकिन काले तिल को ज्यादा लाभकारी माना जाता है। तिल काफी सारी बीमारियों को
आपसे दूर रखने में मदद करता है। आईए हम जानते हैं तिल के औषधि गुण क्या हैं और तिल खाने के फायदे क्या हैं।
तिल खाने के फायदे / Benefits of Til in Hindi
1- तिल का प्रयोग मानसिक दुर्बलता को कम करता है, जिससे आप तनाव, डिप्रेशन से मुक्त रहते हैं।
2-तिल का प्रयोग बालों के लिए वरदान साबित हो सकता है। तिल के तेल का प्रयोग या फिर प्रतिदिन थोड़ी मात्रा में तिलको खाने से, बालों का असमय पकना और झड़ना बंद हो जाता है।
3- तिल का उपयोग चेहरे पर निखार के लिए भी किया जाता है। तिल को दूध में भिगोकर उसका पेस्ट चेहरे पर लगाने से चेहरे पर प्राकृतिक चमक आती है, और रंग भी निखरता है। इसके अलावा तिल के तेल की मालिश करने से भी त्वचा कांतिमयहो जाती है।
5- तिल को कूटकर खाने से कब्ज की समस्या नहीं होती, साथ ही काले तिल को चबाकर खाने के बाद ठंडा पानी पीने से बवासीर में लाभ होता है। इससे पुराना बवासीर भी ठीक हो जाता है।
6- शरीर के किसी भी अंग की त्वचा के जल जाने पर, तिल को पीसकर घी और कपूर के साथ लगाने पर आराम मिलता है, और घाव भी जल्दी ठीक हो जाता है।
7- सूखी खांसी होने पर तिल को मिश्री व पानी के साथ सेवन करने से लाभ मिलता है। इसके अलावा तिल के तेल को लहसुन के साथ गर्म करके, गुनगुने रूप में कान में डालने पर कान के दर्द में आराम मिलता है।
8- सर्दियों में तिल का सेवन शरीर में उर्जा का संचार करता है, और इसके तेल की मालिश से दर्द में राहत मिलती है।
9- तिल, दांतों के लिए भी फायदेमंद है। सुबह शाम ब्रश करने के बाद तिल को चबाने से दांत मजबूत होते हैं, साथ ही यह कैल्शियम की आपूर्ति भी करता है।
10- फटी एड़ियों में तिल का तेल गर्म करके, उसमें सेंधा नमक और मोम मिलाकर लगाने से एड़ियां जल्दी ठीक होने के साथ ही नर्म व मुलायम हो जाती है।
11- मुंह में छाले होने पर, तिल के तेल में सेंधा नमक मिलाकर लगाने पर छाले ठीक होने लगते हैं।
काले तिल के फायदे
काले तिल के तेल को शुद्ध अवस्था में बालों में लगाने से बाल असमय सफेद नहीं होते। प्रतिदिन सिर में तेल की मालिश करने से बाल सदैव मुलायम, काले और घने रहते हैं। तिल के फूल तथा गोक्षुर को बराबर लेकर घी तथा मधु में पीसकर सिर पर लेप करने से बालो का झड़ना तथा रूसी दूर होती है। समान मात्रा में आंवला, काला तिल, कमल केसर तथा मुलेठी के चूर्ण में मधु मिलाकर सिर पर लेप करने से बाल लम्बे तथा काले होते हैं।
आंख संबंधी बीमारी में तिल के फायदे
आंख संबंधी बीमारियां, जैसे- सामान्य आंख में दर्द, रतौंधी, आंख लाल होना, इन सब तरह के समस्याओं में तिल से बना घरेलू नुस्ख़ा बहुत काम आता है।
दांत की बीमारी में तिल के फायदे
रोज 25 ग्राम तिल को चबा-चबा कर खाने से दांत मजबूत होते हैं। मुंह में तिल को भरकर 5-10 मिनट रखने से पायरिया में लाभ होता है और दांत मजबूत हो जाते हैं।
खांसी में तिल के फायदे
अगर मौसम बदलने पर आपको बार-बार खांसी होती है तो तिल का सेवन इस तरह से करने आराम मिलेगा। तिल के 30-40 मिली काढ़े में 2 चम्मच शक्कर डालकर पीने से खांसी में लाभ होता है। तिल और मिश्री को उबालकर पिलाने से सूखी खांसी मिटती है।
आमातिसार में तिल के फायदे
अगर खान-पान में गड़बड़ी या किसी बीमारी उपद्रव के तौर पर पेचिश हो गया है तो तिल के पत्तों को पानी में भिगोने से पानी में लुआब आ जाता है, यह लुआब को पिलाने से विसूचिका या हैजा, अतिसार या दस्त, आमातिसार या पेचिश, प्रतिश्याय (Coryza) और मूत्र संबंधी रोगों में लाभ होता है।
पाइल्स में तिल के फायदे
अगर आप को पाइल्स की बीमारी है और आप अगर खानपान में अनियमिता करते हैं तो पाइल्स की बीमारी और बढ़ सकती है। तिल को जल के साथ पीसकर मक्खन के साथ दिन में तीन बार भोजन से 1 घण्टा पहले खाने से अर्श में लाभ होता है तथा रक्त का निकलना बंद हो जाता है।
पथरी में तिल के फायदे
पथरी होने पर तिल का सही तरह से सेवन करने पर शरीर पर तिल के फायदे मिलते हैं। तिल की छाया-सूखे कोमल कोपलों (125-250 मिग्रा) को प्रतिदिन खाने से पथरी गलकर निकल जाती है। तिल फूलों के 1-2 ग्राम क्षार में 2 चम्मच मधु और 250 मिली दूध मिलाकर पिलाने से पथरी गल जाती है।
पुरुषत्व में तिल के फायदे
शरीर पर तिल के फायदे के अलावा यह पुरुषत्व बढ़ाने में भी फायदेमंद तरीके से काम करती है। तिल और अलसी का काढ़ा बनाकर 30-40 मिली मात्रा में लेकर सुबह शाम भोजन से पहले पिलाने से पुरुषत्व की वृद्धि होती है।
बिस्तर में पेशाब कर देने के बीमारी में तिल के फायदे
रात में जो बच्चे बिस्तर गीला कर देते हैं, उनके लिए तिल का लम्बे समय तक सेवन बहुत लाभकारी है।
तिल का उपयोगी भाग
आयुर्वेद में तिल के जड़, पत्ते, बीज एवं तेल का औषधि के रुप में ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है। तिल तेल का बाहरी प्रयोग इन बीमारियों में करने से लाभ मिलता है।
रक्तचाप को कंट्रोल करने में फायदेमंद
काले तिल के फायदे में रक्तचाप को नियंत्रित करना भी शामिल है। एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन) द्वारा पब्लिश एक मेडिकल रिसर्च में भी इस बात का जिक्र मिलता है। शोध में कहा गया है कि उच्च रक्तचाप से ग्रसित लोगों की डाइट में रोजाना काले तिल को शामिल करने से फर्क नजर आया है।
कैंसर की बीमारी को रोकने में फायदेमंद
कैंसर की समस्या को होने से रोकने के लिए काले तिल का सेवन मददगार साबित हो सकता है। एक अध्ययन के अनुसार, काले तिल में मौजूद लिगनेन कंपाउंड में एंटी-कैंसर प्रभाव होता है। इससे कैंसर सेल्स को बढ़ने से रोकने में मदद मिल सकती है।
रिसर्च में तिल के इस एंटी-कैंसर गुण को लंग कैंसर, ब्रेस्ट कैंसर, प्रोस्टेट कैंसर, कोलन कैंसर, लिवर कैंसर और ब्लड कैंसर से बचाव में मददगार माना गया है
इम्यूनिटी के लिए
काले तिल का उपयोग शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए भी किया जा सकता है। इस संबंध में पब्लिश एक मेडिकल रिसर्च की मानें, तो काले तिल में पाए जाने वाला कॉपर शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट की तरह कार्य करता है। इस प्रभाव से इम्यून सिस्टम को मजबूत करने में मदद मिल सकती है
हृदय स्वास्थ्य के लिए
काले तिल खाने के फायदे में हृदय स्वास्थ्य को भी गिना जाता है। इससे जुड़ी एक मेडिकल रिसर्च में दिया हुआ है कि काले तिल में सेसोलियन और सेसमिन पाए जाते हैं। ये दोनों यौगिक कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने और हृदय स्वास्थ्य में सुधार करने में मदद कर सकते हैं।
इसके अलावा डायबिटिज में भी काला तिल लाभकारी है। काले तिल में पाए जाने वाले एंटी-डायबिटिक गुण सहायक होते हैं। त्वचा के लिए सेसमिन और सेसमोलिन नामक यौगिक शरीर में विटामिन ई की मात्रा को बढ़ा सकते हैं। विटामिन ई त्वचा को स्वस्थ रखने के लिए जरूरी माना जाता है।
काले तिल कैसे खाएं
- काले तिल को मुरुक्कू में मिलाकर खाया जा सकता है।
- इसे तंदूरी नान और कुलचे में बनाते समय इस्तेमाल में ला सकते हैं।
- काले तिल की कुछ मात्रा साधारण तरीके से लिया जा सकता है।
- इसकी थोड़ी सी मात्रा को सलाद के ऊपर डालकर खा सकते हैं।
- काले तिल के तेल का उपयोग कर सकते हैं।
- ताहिनी बनाते समय काले तिल का भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
- लड्डू बनाते समय थोड़ा काला तिल मिला सकते हैं।
- काले तिल को कुकीज बनाते समय डालकर सेवन किया जा सकता है।
- इसे भूनकर भी एयरटाइट डब्बे में रखा जा सकता है।