महिलाओं को प्रेगनेंसी दौरान सेहत संबंधी कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता हैं. इनमें एक ही है एनीमिया. जी हां, इस दौरान महिलाएं सबसे अधिक एनीमिया का शिकार होती है. इस दौरान ऊतकों और भ्रूण तक ऑक्सीजन ले जाने के लिए खून सही मात्रा में स्वस्थ लाल रक्त कोशिकाएं नहीं बन पाती है. इसके कारण मां व गर्भ में पल रहें शिशु को जोखिम सहना पड़ सकता है.
एक्सपर्ट अनुसार, गर्भावस्था दौरान शरीर में आयरन व अन्य पोषक तत्वों की कमी होने से शरीर में अधिक खून बनाने के लिए जरूरी लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण में बाधा आ सकती है. इससे बचने के लिए डेली डाइट में हल्दी चीजें शामिल करने की जरूरत होती है.
चलिए आज हम आपको इस आर्टिकल में प्रेगनेंसी दौरान एनीमिया होने का कारण, लक्षण व बचने के उपाय बताते हैं...
प्रेगनेंसी में एनीमिया होने के कारण
आपको बता दें, असल में एनीमिया के करीब 400 प्रकार हैं, मगर इस आर्टिकल में हम आपको इसके सबसे आम प्रकारों के बारे में बताने जा रहें हैं...
आयरन डेफिशियंसी एनीमिया
इस तरह का एनीमिया आमतौर पर 15-25 साल की महिलाओं को होता है. इस अवस्था में शरीर में आयरन की कमी होने पर खून में हीमोग्लोबिन कम मात्रा में बनने लगता है.
फोलेट डेफिशियंसी एनीमिया
गर्भावस्था दौरान डॉक्टर डेली डाइट में अधिक फोलिक एसिड खाने की सलाह देते हैं. इससे शिशु न्यूरल ट्यूब विकारों से सुरक्षित रहता है. वहीं इसकी कमी होने पर महिला एनीमिया का शिकार हो जाती है.
विटामिन बी12 डेफिशियंसी
शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण में विटामिन बी 12 अहम भूमिका निभाता है. शरीर को पर्याप्त मात्रा में विटामिन बी 12 न मिलने पर एनीमिया से जूझना पड़ता है.
प्रेगनेंसी में एनीमिया होने के लक्षण
. स्किन, होंठ व नाखूनों का रंग पीला होना
. कोई मेहनत का काम किए बिना थकान, कमजोरी व आलस होना
. सांस फूलना व लेने में परेशानी आना
. दिल की धड़कन अचानक से बढ़ना
. किसी काम पर ध्यान लगाने में दिक्कत आना
एक्सपर्ट अनुसार अक्सर शुरुआत में एनीमिया के लक्षण दिखाई नहीं देते हैं. मगर सही समय पर इसकी पहचान करने के लिए नियमित ब्लड टेस्ट करवाना चाहिए.
प्रेगनेंसी दौरान इन महिलाओं को एनीमिया होने का अधिक खतरा
. जिन महिलाओं के गर्भ में जुड़वा या इससे अधिक बच्चे हो
. डिलीवरी होने के कुछ समय में ही दोबारा कंसीव करने पर
. डेली डाइट में आयरन व पोषक तत्वों की कमी
. मॉर्निंग सिकनेस के कारण रोज उल्टी आना
. प्रेगनेंसी से पहले पीरियड दौरान अधिक खून आना आदि. इन महिलाओं को गर्भावस्था में एनीमिया होने का जोखिम रहता है.
प्रेगनेंसी में भी हो सकता है एनीमिया का इलाज
कंसीव करने के बाद अगर आपको एनीमिया हो जाए तो आयरन, विटामिन बी 12 व फोलिक एसिड सप्लीमेंट्स का सेवन करें. इसके अलावा इन चीजों से भरपूर खाने की चीजों को डेली डाइट में शामिल करें. आप इसके लिए अपने डॉक्टर से सलाह लें सकती हैं.
ऐसे करें बचाव
यदि आप प्रेग्नेंट हैं या कंसीव करना चाहती हैं तो डेली डाइट में आयरन, फोलिक एसिड और विटामिन बी12 जैसे पोषक तत्व शामिल करें. वहीं एनीमिया के लक्षण दिखने या महसूस होने पर तुरंत डॉक्टर की सलाह लें. एक्सपर्ट अनुसार प्रेगनेंसी में एनीमिया होने पर गर्भ में पल रहें शिशु को नुकसान होने का खतरा रहता है. ऐसे में बेहतर रहेगा कि आप कंसीव करने से पहले ही प्रीनैटल विटामिनों का सहारा लेकर इसके खतरे को कम करने का प्रयास करें.