आज से भगवान शिव के प्रिय महीने सावन की शुरुआत हो चुकी है, जो 12 अगस्त तक रहने वाला है। देशभर के शिव मंदिरों में भोले बाबा की विधि-विधान से पूजा की जा रही है। इसी के चलते मध्य प्रदेश के उज्जैन स्थित महाकालेश्वर मंदिर (Mahakaleshwar Temple) में सावन मास के पहले दिन भगवान महाकाल के शिवलिंग की पूजा के साथ महा अभिषेक किया गया। वैसे तो इस पूरे महीने में शिव पूजन का विशेष महत्व है लेकिन जो लोग सावन सोमवार के दिन भगवान शिव की सच्चे मन से पूजा करते हैं तो भोले बाबा उनरी हर मनोकामना पूर्ण करते हैं। शिव पूजन करने से आर्थिक कष्ट दूर हो जाते हैं। विवाहित स्त्रियां अपने वैवाहिक जीवन को सुखमय बनाने के लिए इस दौरान सोमवार का व्रत करती हैं। अविवाहित स्त्रियां अच्छे वर पाने के लिए भगवान शिव की पूजा आराधना करती हैं। इस महीने के लिए भक्तों को यह विश्वास होता है कि भगवान शिव उनकी सारी मनोकामनाएं पूरी करेंगे।
कुंवारी लड़कियों को मिलता है मनचाहा वर
शास्त्रों के अनुसार सावन महीने में ही देवी पार्वती ने शिव जी को पति रूप में पाने के लिए तपस्या शुरू की थी। जिससे खुश होकर शिव जी प्रकट हुए और देवी की इच्छा पूरी करने का वरदान दिया। सावन महीना शिव जी को प्रिय होने की दो खास वजह है पहली, की इसी महीने से देवी पार्वती ने शिव जी को पति रूप में पाने के लिए तप शुरू किया था वही दूसरी, देवी सती के जाने के बाद शिव जी को फिर से अपनी शक्ति यानी की देवी पार्वती पत्नी के रूप में वापस मिली थीं। इसी कारण कुंवारी लड़कियां भी सावन माह के सोमवार को व्रत करके भगवान शिव को प्रसन्न करती हैं और मनचाहा वर पाती है।
ऐसी चीजे घर लाने से होगी खूब तरक्की
गंगाजल
सावन के महीने में गंगाजल से भगवान शिव या शिवलिंग का जलाभिषेक किया जाता है। ऐसे में इस महीने में अगर गंगाजल घर लाया जाए तो बहुत ही शुभ संकेत माना जाता है। वहीं भक्त हर की पौड़ी से कांवड़ में गंगाजल भरकर घर लाते हैं और घर में रखते हैं तांकि घर में सुख संपत्ति आए।
रूद्राक्ष
घर में रूद्राक्ष रखने से धन-धान्य में वृद्धि होने के साथ-साथ जीवन के सभी संकट दूर होते हैं। धार्मिक मान्यता है कि रूद्राक्ष में शिवजी की वास होता है और दोनों के बीच अटूट संबंध है। पौराणिक कथाओं के अनुसार रुद्राक्ष की उत्पत्ति भगवान शिव के आंसुओं से हुई है। यही कारण है कि रुद्राक्ष को शिव का स्वरूप माना गया है।
भस्म
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान शिव को भस्म बेहद प्रिय है। कहा जाता हैं कि देवी-देवताओं को सुंदर वस्त्र और आभूषण से सजाया जाता हौ तों वहीं भगवान को शिव को भस्म से तैयार किया गया है। सावन के दौरान भस्म भी घर लेकर आ सकते हैं।
चांदी या तांबे का त्रिशूल
भगवान शिव का त्रिशूल घर में रखने से Negativity दूर होती है। सावन के पहले सोमवार आप घर में चांदी का त्रिशूल लाकर मंदिर में रख सकते हैं। अगर आप ऐसा नहीं कर सकते तो तांबे का त्रिशूल भी ले सकते हैं।
चांदी के बेलपत्र
भगवान शिव की पूजा बेलपत्र से होती है। कहा जाता है कि बेलपत्र के बिना शिवजी की पूजा अधूरी है। अगर महीना सावन का हो तो आप चांदी का बेलपत्र भगवान शिव को अर्पित कर सकते हैं, इससे भगवान प्रसन्न होंगे। घर के मंदिर में बेलपत्र रखेंगे तोआर्थिक स्थिति भी मजबूत होगी।
नाग-नागिन का जोड़ा
अगर आप सावन के महीने में नाग-नागिन का जोड़ा घर लाएंगे तो काफी शुभ होगा। ज्योतिषों के अनुसार भगवान शिव का आभूषण नाग-नागिन घर के मुख्य द्वार के नीचे दबाने से व्यक्ति के रुके हुए काम बन सकते हैं।