देश-दुनिया में अकसर रेप की खबरें सामने आती है लेकिन हाल ही में नोएडा में एक बच्ची के साथ 'डिजिटल रेप' का मामला सामने आया है। दरअसल, ग्रेटर नोएडा वेस्ट इलाके में 5 साल की बच्ची से पिता द्वारा 'डिजिटल रेप' का मामला सामने आया है। रिपोर्ट्स के अनुसार एक 5 साल की बच्ची से उसके पिता ने ही डिजिटल रेप किया। इसकी शिकायत खुद बच्ची की मां ने ही की है। आरोपी की पत्नी ने ही इसकी शिकायत दर्ज कराई है। पत्नी के अनुसार, उसके पति ने अपनी ही बेटी से इस तरह की घिनौनी घटना को अंजाम दिया है और उसे ये तब पता चला जब बेटी के पेट में दर्द हुआ। तब बेटी ने पापा की हरकतों के बारे में मां को बताया जिसके बाद आनन-फाननमें मां ने पुलिस को इसकी खबर दी, जिसके बाद पुलिस अब कार्रवाई में जुटी हुई है।
वहीं दूसरी तरफ अब सवाल उठता है कि आखिर ये डिजिटल रेप होता क्या है? या आरोपी डिजिटल रेप को कैसे अंजाम देते हैं, आईए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से.....
डिजिटल रेप क्या है मतलब?
डिजिटल रेप शब्द दो शब्दों को जोड़कर बना है जिसका पहला शब्द डिजिट और दूसरा रेप हैं। इंग्लिश के डिजिट का मतलब हिंदी में अंक होता है तो वहीं अंग्रेजी के शब्दकोश में डिजिट यानि अंगुली, अंगूठा, पैर की अंगुली इन शरीरिक अंगो को भी डिजिट कहा जाता है।
डिजिटल रेप की परिभाषा.....
डिजिटल रेप की परिभाषा के बारे में बात करें तो अगर कोई शख्स महिला की बिना सहमति के उसके प्राइवेट पार्ट्स को अपनी अंगुलियों से छेड़ता है तो ये डिजिटल रेप कहलाता है, यानी जो शख्स अपने डिजिट का इस्तेमाल कर किसी का यौन उत्पीड़न करे तो वह डिजिटल रेप की केटेगरी में आता है।
भारत में डिजिटल रेप पर क्या है कानून?
विदेशों की तरह भारत में भी डिजिटल रेप पर कानून बना है। निर्भया कांड के बाद इस अपराध को 2013 के आपराधिक कानून संशोधन के माध्यम से भारतीय दंड संहिता में शामिल किया गया था। इसे निर्भया अधिनियम भी कहा जाता है। यानि इस कानून के बाद साल 2013 से बलात्कार का मतलब सिर्फ संभोग तक ही सीमित नहीं रह गया है, अब इसमें कई नियम जुड़ चुके हैं।
डिजिटल रेप की क्या है सजा?
डिजिटल रेप के 70 फीसदी मामलों में देखा गया है कि यह अपराध पीड़िता के करीबी द्वारा ही किया जाता है। हालांकि, डिजिटल रेप के बहुत कम अपराध दर्ज किए जाते हैं। कानून के अनुसार, अपराधी को कम से कम 5 साल जेल की सजा का प्रावधान है हालांकि कुछ मामलों में अपराधी को 10 साल तक भी सजा हो सकती है इतना ही मामला संज्ञान हो तो कुछ मामलों में आजीवन कारावास भी हो सकती है।