Hindi News National 2025 में नाग पंचमी कब है ? जाने शुभ मुहूर्त व पूजन विधि
  • 2025 में नाग पंचमी कब है ? जाने शुभ मुहूर्त व पूजन विधि

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    • 21 Jan,2025 07:22 PM
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  • 2025 नाग पंचमी

    नाग पंचमी 2025 में मंगलवार, 29 जुलाई को मनाई जाएगी। 


    सनातन धर्म में नागों को बहुत शुभ माना गया है, कहा जाता है कि नागों की पूजा करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं तथा भक्तों की मनोकामनाओं को पूरा करते हैं। हिंदू मान्यताओं के अनुसार, हर वर्ष नाग पंचमी का पर्व श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि पर मानाया जाता है। अंग्रेजी पंचांग के अनुसार, यह तिथि अक्सर जुलाई या अगस्त महीने में पड़ती है। इस दिन व्रत रखा जाता है तथा नाग देवता की पूजा की जाती है।

    नाग पंचमी 2025 का शुभ मुहूर्त

    श्रावण शुक्ल पंचमी को नागव्रत रखा जाता है। अब पंचमी तीन मुहूर्त से कम हो और पहले दिन तीन मुहूर्त से कम रहने वाली चतुर्थी से युक्त हो तो पहले ही दिन व्रत होता है। मान्यता है कि अगर पहले दिन पंचमी तीन मुहूर्त से ज्यादा रहने वाली चतुर्थी से युक्त हो तो दूसरे दिन दो मुहूर्त तक रहने वाली पंचमी में भी व्रत किया जा सकता है।

    पंचमी तिथि प्रारंभ: - 28 जुलाई 2025 रात (11:24)

    पंचमी तिथि समापन: - 30 जुलाई 2025  प्रातः (12:46 am)

    नाग पंचमी 2025 पूजा मुहूर्त: - सुबह 5:41 से लेकर सुबह 8:23 तक है। 

    नाग पंचमी के मंत्र

    नाग पंचमी पर मंत्रों का जाप करना बहुत शुभ माना जाता है। कहा जाता है कि मंत्रों के जाप से भगवान नाग देवता प्रसन्न होते हैं और अपना आशीर्वाद देते हैं। नाग पंचमी पर इन मंत्रों का जाप अवश्य करें।

    सर्वे नागाः प्रीयन्तां मे ये केचित् पृथ्वीतले।
    ये च हेलिमरीचिस्था येन्तरे दिवि संस्थिता:॥
    ये नदीषु महानागा ये सरस्वतिगामिन:।
    ये च वापीतडगेषु तेषु सर्वेषु वै नम:॥

    अनन्तं वासुकिं शेषं पद्मनाभं च कम्बलम्।
    शङ्ख पालं धृतराष्ट्रं तक्षकं कालियं तथा॥
    एतानि नव नामानि नागानां च महात्मनाम्।
    सायङ्काले पठेन्नित्यं प्रातःकाले विशेषत:।
    तस्य विषभयं नास्ति सर्वत्र विजयी भवेत्॥

    नाग पंचमी पर किन नागों की पूजा होती है, 12 नाग कौन से हैं

    नाग पंचमी पर नागों को विशेष रूप से दूध अर्पित किया जाता है। नाग पंचमी पर हिंदू धर्म शास्त्रों में उल्लेखित बारह नागों की पूजा विशेष रूप से की जाती है। यह बारह नाग अनन्त, वासुकि, शेष, पद्म, कम्बल, कर्कोटक, अश्वतर, धृतराष्ट्र, शङ्खपाल, कालिया, तक्षक और पिङ्गल हैं।
     

    नाग पंचमी के दिन पूजा कैसे की जाती है? ( पूजन विधि )

    चतुर्थी के दिन सिर्फ एक बार भोजन और पंचमी को उपवास रखकर शाम में भोजन करना चाहिए। पूजा के लिए नाग चित्र या मिट्टी की सर्प मूर्ति लकड़ी की चौकी पर रखकर ही पूजा करें। हल्दी, रोली (लाल सिंदूर), चावल और फूल चढ़कर नाग देवता की पूजा करें। कच्चा दूध, घी, चीनी मिलाकर नाग देवता को अर्पित करना चाहिए। पूजा के बाद नाग की आरती उतारें। पूजा के अंत में नाग पंचमी की कथा सुननी चाहिए।
     

     नाग पंचमी क्यों मनाई जाती है ( नाग पंचमी का महत्व)

    धन-समृद्धि पाने के लिए भी नाग देवताओं की पूजा की जाती है। मान्यता के अनुसार ऐसा माना जाता है कि नाग देवता, धन की देवी मां लक्ष्मी की रक्षा करते हैं। इस दिन श्रीया, नाग और ब्रह्म अर्थात शिवलिंग स्वरुप की आराधना से मनोवांछित फलों की प्राप्ति होती है। जिस व्यक्ति कुंडली में कालसर्प दोष होता है तो उसे इस दोष से बचने के लिए नाग पंचमी का व्रत अवश्य करना चाहिए। अगर आपको अक्सर सपने में सांप दिखाई देता है या फिर आपको सांप से अधिक डर लगता है तो आपको विधि-विधान से सांप की पूजा करनी चाहिए। विशेष रूप से नागपंचमी के दिन जरूर नाग की पूजा करें। इससे सांपों को लेकर आपका भय दूर हो जाएगा।

    इस लेख में दिए गए उपाय, लाभ, सलाह और कथन केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से प्रस्तुत किए गए हैं। इसमें शामिल जानकारी विभिन्न स्रोतों जैसे ज्योतिष, पंचांग, धर्मग्रंथों और दंतकथाओं से संकलित की गई है। पाठकों से आग्रह है कि इस लेख को अंतिम सत्य मानने के बजाय अपने पंडित जी से सलाह जरूर ले। WebDaily लेख में दी गई बातों का समर्थन नहीं करते हैं |

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