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09 Jul,2022 04:42 PM- 7/9/2022 4:42:15 PM
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दो साल बाद कोरोना महामारी चे चलते बंद रही अमरनाथा यात्रा एक बार फिर से इस साल लोगों को बाबा बर्फानी के दर्शन करने का मौका मिला लेकिन इस बार भी लोगों की यह यात्रा सफल न रही। 30 जून से शुरू हुई अमरनाथ यात्रा पर एक बार फिर से प्रकृति का कहर जारी रहा। 8 जून को एक बार फिर से इतिहास दोहारते हुए अमरनाथ गुफा के पास बादलन फटने से यहां भयंकर त्रासदी मच गई जिसमें करीब 16 लोगों की मौत हो घई और की लोग लापता हो जिसके लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है। 30 जून को शुरू हुई अमरनाथ यात्रा को इस त्रासदी के बाद स्थगित कर दिया गया है और बचाव अभियान खत्म होने के बाद इसे फिर से शुरू करने पर फैसला किया जाएगा।
बता दें कि ऐसी पहली बार नहीं हुआ है कि अमरनाथ यात्रा में कोई खलल पड़ी हो इससे पहले कई बार यात्रा में भयंकर त्रासदी के चलते रूकावट आई है। आईए जानते हैं इसके बारे में----
1969 में भी आई थी आपदा:
वर्ष 1969 में भी अमरनाथ यात्रा के दौरान इसी तरह बादल फटने से भयंकर त्रासदी आई थी जिसमें करीब दो सप्ताह तक श्रद्धालु यात्रा मार्ग पर फंसे रहे थे। न खाने को पर्याप्त खाना था और न ही पानी। यह यात्रा के दौरान पहला बड़ा हादसा था। जुलाई 1969 में यह घटना हुई थी। उस हादसे में करीब 100 श्रद्धालुओं की जान गई।
1996 में भयंक त्रासदी के चलते गई थी 250 श्रद्धालुओं की जान
अगस्त 1996 की त्रासदी अमरनाथ यात्रा इतिहास में सबसे बड़ी त्रासदी मानी जाती है। उस दौरान भी इस साल की तरह अमरनाथ गुफा के नजदीक ही बादल फटा था।जिसमे करीब 250 श्रद्धालुओं की चली गई थी।
2015 में भी बालटाल में फटा था बादल :
वर्ष 2015 में बालटाल आधार शिविर के पास भी बादल फटने से काफी नुकसान हुआ था। इस दौरान लंगरों के अस्थायी ढांचे ध्वस्त हो गए थे और दो बच्चों समेत तीन श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी।
कोरोना महामारी के बीच 2021 में भी पवित्र गुफा के पास फटा था बादल :
जब पूरा देश कोरोना महामारी से जुझ रहा था तब भी अमरनाथ में ऐसी त्रासदी देखी गई थी। जुलाई 2021 के अंतिम दिनों में अमरनाथ गुफा मंदिर के पास बादल फटा था। हालांकि उस समय कोरोना संक्रमण के कारण यात्रा को रद कर दिया था। घटना में किसी के हताहत होने या किसी संपत्ति के नुकसान नहीं हुआ था।