Hindi News Religion Culture सावन कब से शुरू है 2021, सावन के सोमवार व्रत की कथा और पूजन विधि
  • सावन कब से शुरू है 2021, सावन के सोमवार व्रत की कथा और पूजन विधि

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    • 05 Aug,2021 09:17 PM
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  • सावन के सोमवार से जुड़े कुछ रोचक तथ्य

    सावन कब से शुरू है 2021

    हिंदू धर्म में सावन महीना बहुत महत्वपूर्ण होता है। इस साल सावन 25 जुलाई से शुरू हुआ और 22 अगस्त तक खत्म होगा। यह महीना भगवान शिव को समर्पित है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सावन के महीने में भगवान शिव और माता पार्वती की विधि-विधान से पूजा करने से भक्त की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। यही नहीं इस महीने कई और त्योहार भी आते हैं। ऐसी मान्यताएं हैं कि सावन में आने वाले सोमवार के व्रत करने से बहुत पुण्य और लाभ मिलता है। इस व्रत को लोग अलग-अलग नियमों से पालन करते हैं। जहां कुछ लोग इस व्रत में नमक खाते हैं तो वहीं कुछ सिर्फ फलाहार व्रत करते हैं। कुछ लोग दिन भर भूखे रहकर सिर्फ एक वक्त खाना खाते हैं। आईए आपको बताते हैं सोमवार के व्रत के दिन शिव की पूजा कैसे की जाती है,ये व्रत करने से क्या लाभ मिलता है, इस व्रत के दिन आप क्या खा सकते हैं और किन चीजों से परहेज करना है, व्रत में कौन सी कथा सुनते हैं।

    सावन के सोमवार व्रत की कथा और पूजन विधि

    एक नगर में एक बहुत धनवान साहूकार रहता था। परन्तु उसे निसंतान होने का बहुत बड़ा दुःख था। वह हमेशा इसी चिन्ता में रहता था। पुत्र प्राप्ति के लिए वह प्रत्येक सोमवार को शिवजी का व्रत और पूजन किया करता था। जिसकी भक्तिभाव को  देखकर माता पार्वती ने शिवजी से कहा कि यह साहूकार आप का बहुत बड़ा भक्त है। यह बहुत लगन से आपका पूजन और व्रत करता है । आपको इसकी मनोकामना पूर्ण करनी चाहिए । शिवजी ने माता से कहा कि हे पार्वती, यह संसार कर्मक्षेत्र है। जो इस संसार में जैसा कर्म करते हैं, वैसा ही फल भोगते हैं। परंतु माता पार्वती की जिद्द के सामने शिव जी को झुकना पड़ा। 

    भगवान शिव ने कहा कि इसके भाग्य में पुत्र न होने पर भी मैं इसको पुत्र की प्राप्ति का वर देता हूँ । परन्तु यह पुत्र केवल 12 वर्ष तक जीवित रहेगा। माता पार्वती और शिव की सभी बातें साहूकार सुन रहा था। जिसक वजह से न उसे खुशी मिली और न दुख हुआ। हालांकि वह पहले की तरह ही भगवान शिवजी का व्रत और पूजन करता रहा था । कुछ समय बाद उसे सुन्दर पुत्र की प्राप्ति हुई । साहूकार के घर में खुशी जा रही थी पर उसे कोई प्रसन्नता नहीं थी। जब लड़का 11 साल का हो गया तो उसने पढ़ने के लिए पुत्र को काशी  भेज दिया। साहूकार ने साथ में बालक के मामा को भी भेजा। साहूकार ने अपने साले से कह दिया था कि रास्ते में जिस स्थान पर भी जाओ, यज्ञ तथा ब्राह्मणों को भोजन कराते जाओ।

    मामा और भानजे यज्ञ और ब्राह्मणों को भोजन कराते जा रहे थे। जाते-जाते एक राजधानी पहुंच गए जहां राजा की कन्या का विवाह था। लेकिन बारात लेकर आने वाले राजा का लड़का काना था। राजकुमार के पिता को चिंता थी कि वर को देख कन्या शादी के लिए मना न कर दे। तभी राजकुमार के पिता अति सुन्दर साहूकार के लड़के को देखकर सोचा क्यों न शादी तक इस लड़के को वर बना दिया जाए। साहूकार के लड़के के साथ विवाह कार्य सम्पन्न हो गया। लड़के ने ईमानदारी दिखाते हुए शादी के दौरान राजकुमारी के चुनरी पल्ले के पल्ले यानि शादी में जो गांठ बांधा जाता है उस पर लिख दिया कि तेरा विवाह तो मेरे साथ हुआ है। राजकुमार के साथ तुमको भेजेंगे वह एक ऑंख से काना है और मैं काशी पढ़ने जा रहा हूँ। सच्चाई जानकर लड़की बारात के साथ जाने से मना कर दिया। 

    काशी पहुंचकर साहूकार के लड़के ने पढ़ाई शुरु कर दिया था। जब लड़के की आयु बारह साल की हो गई। 12 वें साल के दिन लड़के ने मामा से कहा कि तबियत सही नहीं लग रही है फिर अन्दर जाकर सो गया। सोने के बाद लड़के के प्राण निकल गए। जब मामा को पता चला तो वे जोर-जोर से रोने लगे। संयोगवश उसी समय शिव और माता पार्वती उधर से जा रहे थे। रोने की आवाज सुनकर माता पार्वती का ह्रदय व्याकुल हो गया। उन्होंने कहा कि बालक जीवित करिये वरना इसके माता-पिता तड़प-तड़प कर मर जायेंगे। माता पार्वती के आग्रह करने पर शिवजी ने उसको जीवन वरदान दिया, जिससे लड़का जीवित हो गया।

    ड़का और मामा यज्ञ और ब्राह्मणों को भोजन कराते अपने घर की ओर चल पड़े। वे उसी रास्ते से लौटे जिस राज्य में साहूकार के लड़के और राजकुमारी की शादी हुई थी। राजा ने लड़के को पहचान लिया और राजकुमारी के साथ उसकी विदाई कर दी। जब लड़का घर पहुंचा तो माता-पिता घर की छत बैठे थे और यह प्रण कर रखा था कि अगर पुत्र नहीं लौटती तो वे अपने प्राण त्याग देता।  सेठ ने आनन्द के साथ उसका स्वागत किया और बड़ी प्रसन्नता के साथ रहने लगे ।जो भी सोमवार के व्रत को करता है और इस कथा को पढ़ता या सुनता है उसकी समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं ।

    सोमवार व्रत के नियम / कैसे करते हैं पूजा और व्रत 

    सुबह में जल्दी उठकर स्नान करें।

    मंदिर जाकर भगवान शिव का जलाभिषेक करें।

    माता पार्वती और नंदी को भी गंगाजल या दूध चढ़ाएं।

    पंचामृत से रुद्राभिषेक करें, बिल्व पत्र अर्पित करें।

    शिवलिंग पर धतूरा, भांग, आलू, चंदन, चावल चढ़ाएं और सभी को तिलक लगाएं।

    प्रसाद के रूप में भगवान शिव को घी शक्कर का भोग लगाएं।

    धूप, दीप से गणेश जी की आरती करें।

    आखिर में भगवान शिव की आरती करें और प्रसाद बांटे

    व्रत करने से क्या-क्या फायदे है

    सोमवार व्रत रखने से कुंडली में चंद्र ग्रह की स्थिति मजबूत होती है। इससे कई सारे रोगों से छुटकारा मिलता है।

    सोमवार व्रत से अविवाहित लड़कियों को फलदायी लाभ मिलता है। मान्यता है कि 16 सोमवार व्रत रखने से कुवांरी लड़कियों को उत्तम वर की प्राप्ति होती है। 

    पुराणों के अनुसार, सोमवार के व्रत से व्यक्ति के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और जीवन-मृत्यु के चक्र से छुटकारा मिल जाता है। 

    सावन के सोमवार में व्रत रखने से वैवाहिक जीवन सुखमय और सभी परेशानियों से छुटकारा मिल जाता है। इस व्रत को स्त्री-पुरुष दोनों रख सकते हैं।

    सोमवार व्रत रखने से व्यक्ति की सारी समस्याएं खत्म हो जाती हैं। भगवान शिव बहुत ही दयालु हैं, जो अपने भक्तों के छोटे से छोटे दुखों को दूर करते रहते हैं। इसलिए सोमवार व्रत को सभी पूरी श्रद्धा के साथ रखते हैं।

    व्रत में क्या खाना चाहिए

    सोमवार व्रत में अपने दिन की शुरूआत हेल्दी ड्रिंक के साथ करें। ताकि आप पूरे दिन खुद को एनर्जेटिक फील करें। व्रत के दौरान पानी की कमी भी हो सकती है। इसलिए सावन सोमवार व्रत में आप जूस, स्मूदी, नींबू पानी, नारियल पानी आदि का सेवन जरूरी करें। ये आपको हेल्दी रखने में मदद कर सकते हैं।

    सूखे मेवे खाएं 

    सावन सोमवार व्रत के दौरान आप अपनी डाइट में सुबह, दोपहर या शाम के समय मुट्टीभर सूखे मेवे शामिल करें। इनके सेवन से शरीर को कमजोर होने से बचाया जा सकता है।

    सब्जियां

    व्रत में आलू, लौकी, कद्दू और अरबी की सब्जी खाई जा सकती है। क्योंकि इन्‍हें शुद्ध सात्विक आहार माना जाता है। इनके सेवन से शरीर को हेल्दी और एनर्जेटिक रखा जा सकता है।

    फल

    सावन सोमवार में आप फल का सेवन कर सकते हैं, फल में केला, सेब, अनार, संतरा आदि फलों का सेवन कर सकते हैं। फल सेहत के लिए बहुत फायदेमंद माने जाते हैं। ये शरीर को डिहाइड्रेशन से बचाने में मदद कर सकते हैं।

    इन चीजों का सेवन करने से बचें

    चाय 

    सावन सोमवार व्रत कर रहे हैं तो ध्यान रखें कि सुबह की शुरूआत चाय के साथ न करें। खाली पेट चाय का सेवन सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता है। इससे पेट गैस की समस्या हो सकती है।

    खाली पेट

    सावन सोमवार व्रत में भूखे या खाली पेट बिल्कुल भी न रहें, खाली पेट ज्यादा देर तक रहने से पेट गैस की समस्या हो सकती है।

    तली-भुनी चीजें

    व्रत के समय हमारा मन बहुत अधिक भूनी चीजों को खाने का करता है। लेकिन तली-भूनी चीजों का सेवन करने से सीने में जलन, गैस, और पानी की कमी की समस्या हो सकती है।

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