हरियाली तीज / Haryali Teej
हरियाली तीज हर साल सावन मास की तृतीया तिथि पर मनाई जाती है। इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र, स्वास्थ्य, सुख और समृद्धि के लिए व्रत रखती हैं। हरियाली तीज के त्योहार को अखंड सौभाग्य का प्रतीक माना गया है जिसे श्रावणी तीज के नाम से भी जाना जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, यह कहा जाता है कि इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती का पुनर्मिलन हुआ था।
इसलिए इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है, इसके साथ इस दिन संपूर्ण शिव परिवार की पूजा करना अत्यंत लाभदायक माना जाता है। जानकार बता रहे हैं कि इस दिन पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र और शिव योग में पूजा की जाएगी। इस दिन व्रत रखने वाली महिलाएं सोलह श्रृंगार करती हैं और पूरे विधि अनुसार पूजा करती हैं। कुंवारी लड़कियां इस दिन माता पार्वती की पूजा करती हैं जो उनके लिए शुभ माना जाता है।
इस तीज को अलग अलग राज्य में अलग-अलग त्योहार के नाम से बुलाते हैं, जैसे सिंधारा। इस दिन शादीशुदा बेटी अपने मायके आती है और उसे खूब प्यार मिलता है।
यहां जानें, इस वर्ष हरियाली तीज की तिथि, पूजा विधि और धार्मिक महत्व। Hariyali Teej Date 2021 :
हरियाली तीज 2021 तिथि / Teej Date: - 11 अगस्त 2021, बुधवार
तृतीया तिथि प्रारंभ: - 10 अगस्त, मंगलवार शाम 06:11
तृतीया तिथि समाप्त: - 11 अगस्त, बुधवार शाम 04:56
इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान आदि कर लें और भगवान शिव और माता पार्वती के सामने व्रत के संकल्प लें। पूरा दिन निर्जला व्रत रखें और शाम के समय वापस स्नान करके पूजा प्रारंभ करें। पूजा करने के लिए सबसे पहले भगवान शिव और माता पार्वती की मूर्ति बनाएं और स्थापित करें। इसके बाद भगवान शिव, माता पार्वती और भगवान गणेश की पूजा-आराधना करें। इसके पश्चात उन्हें अक्षत, फूल, चंदन, नैवेद्य, धूप और दीप अर्पित कीजिए और माता पार्वती को विशेष रूप से सोलह श्रृंगार की सामग्री भेंट करें। फिर कथा का पाठ करने के बाद आरती कीजिए और दान दीजिए।
हरियाली तीज का महत्व
हरियाली तीज का त्योहार सनातन धर्म में बहुत विशेष माना जाता है। इस दिन सुहागिन स्त्रियां अपने पति के लिए व्रत रखती हैं और भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करते हैं। कहा जाता है जो सुहागिन महिलाएं हरियाली तीज का व्रत रखती हैं उन्हें अखंड सौभाग्यवती का वरदान मिलता है।
यह होते हैं तीज के नियम
सावन के महीने में और खासकर हरियाली तीज पर महिलाएं हरे रंग को धारण करती है। हरी चूड़िया, हरे कपड़े और मेहंदी लगाती है। इन सबका अपना ही महत्व होता है। तीज के मौके पर नवविवाहित लड़की अपने मायके जाती है। लड़की के ससुराल से मिठाई, कपड़े और श्रृंगार का सामान आता है।
झूले का होता है महत्व
हरियाली तीज में महिलाएं झूला झूलती हैं और सावन के गीत गाती हैं। माना जाता है कि मां पार्वती ने भगवान शिव को पाने के लिए कड़ी तपस्या की थी। जिसे देखकर भगवान शिव प्रसन्न हो गए। हरियाली तीज के दिन ही भगवान शिव ने मां पार्वती को पत्नी के रूप में स्वीकार किया था। इसलिए महिलाएं इस व्रत को करती हैं और मनोकामना मांगती है।