Hindi News Religion Culture गायत्री मंत्र हिंदी में और गायत्री मंत्र जाप के फायदे Gayatri Mantra in Hindi
  • गायत्री मंत्र हिंदी में और गायत्री मंत्र जाप के फायदे Gayatri Mantra in Hindi

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    • 23 Jan,2023 05:27 PM
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  • हिंदू शास्त्रों में बहुत मंत्र दिए गए हैं जिनका दैनिक जाप करने से जीवन में बहुत लाभ प्राप्त होते हैं। इनमें एक है गायत्री मंत्र,  ऋग्वेद में उल्लेख मिलता है जो भी वयक्ति दैनिक जीवन में नियम बना कर रोज सुबहे इस मन्त्र का जाप करता हैं उसके  जीवन के सारे अभाव दूर हो जाते हैं। और उसका जीवन सफलता और सुख-समृद्धि से भर जाता है। 

    आयें जानते है।

    गायत्री मंत्र जाप कैसे करना चाहिए ? और गायत्री मंत्र के जाप से क्या-क्या लाभ प्राप्त हो सकते हैं ? Gayatri Mantra Benefits :

     

    सूर्योदय के समय घर के पूजा स्थल में या किसी अन्य जगह पर बैठकर 3 माला या 108 बार गायत्री मंत्र का जप करना चाहिए। कहा जाता है कि इससे वर्तमान के साथ-साथ भविष्य में इच्छा पूर्ति के साथ सदैव रक्षा होती है।

    भोजन करने से पूर्व 3 बार उच्चारण करने से भोजन अमृत के समान हो जायेगा ।

    रोज़ घर से बाहर जाते समय 5 या 11 बार गायत्री मंत्र का जाप करना चाहिए, इससे समृद्धि सफलता, सिद्धि और उच्च जीवन की प्राप्ति होती है।

    अगर घर से निकलते समय या किसी ज़रूरी काम के लिए जाते समय छींक आ जाए तो उसी समय 1 बार गायत्री मंत्र का उच्चारण करने से सभी अमंगल दूर हो जाते हैं।

    रोज़ रात को सोते समय 11 बार मन में गायत्री मंत्र का जप करने से कई प्रकार के भय दूर हो जाते हैं।

    बहुत कम लोग इस बात का पता होगा कि गायत्री महामंत्र का उपयोग सूर्य देवता की उपासना साधना के लिए भी किया जाता है।

    गायत्री महामंत्र का अर्थ / Gayatri Mantra in Hindi

     

    ॐ भूर्भुवः स्वःतत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्यः धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात् ।।

    गायत्री महामंत्र के प्रत्येक शब्द की व्याख्या- इस मंत्र के पहले 9 शब्द ईश्वर के दिव्य गुणों की व्याख्या करते हैं।

    ॐ = प्रणव

    भूर = मनुष्य को प्राण प्रदाण करने वाले

    भुवः = दुख़ों का नाश करने वाले

    स्वः = सुख़ प्रदान करने वाले

    तत = वह

    सवितुर = सूर्य की भांति उज्जवल

    वरेण्यं = सबसे उत्तम

    भर्गो = कर्मों का उद्धार करने वाले

    देवस्य = प्रभु

    धीमहि = आत्म चिंतन के* *योग्य (ध्यान)

    धियो = बुद्धि

    यो = जो

    नः = हमारी

    प्रचोदयात् = हमें शक्ति दे

    अर्थात- प्राणस्वरूप, दुःखनाशक, सुखस्वरूप, श्रेष्ठ, तेजस्वी, पापनाशक, देवस्वरूप परमात्मा को हम अन्तःकरण में धारण करें। वह परमात्मा हमारी बुद्धि को सन्मार्ग में प्रेरित करें।

     

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